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West Bengal: न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की पीठ से मिथुन चक्रवर्ती के मामले को भी स्थानांतरित करने की अपील

चुनाव के समय मिथुन चक्रवर्ती ने एक चुनावी संबोधन के दौरान मनोरंजन के लिए अपनी पुरानी फिल्मों का डायलॉग बोलते हुए कहा था कि मारूंगा यहां शव गिरेगा श्मशान में। इसके खिलाफ तृणमूल ने उन पर भड़काऊ टिप्पणी की प्राथमिकी दर्ज कराई है।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:37 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:37 AM (IST)
West Bengal: न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की पीठ से मिथुन चक्रवर्ती के मामले को भी स्थानांतरित करने की अपील
मिथुन चक्रवर्ती के मामले को भी स्थानांतरित करने की अपील

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश कौशिक चंद्र की तस्वीरें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ साझा करने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने अब अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती के मामले को भी उनकी पीठ से दूसरी पीठ में स्थानांतरित करने की मांग की है। सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े वकील मृत्युंजय पाल ने मंगलवार को एक याचिका लगाई है।

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खास बात यह है कि मंगलवार को न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा के न्यायालय में मिथुन चक्रवर्ती के मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन इस याचिका के बाद न्यायमूर्ति चंद्रा ने सुनवाई स्थगित कर दी। शुक्रवार को अगली तारीख है। उसके पहले मुख्य कार्यकारी न्यायाधीश राजेश बिंदल की खंडपीठ तय करेगी कि मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति कौशिक चंद्रा की अदालत में जारी रहेगी या स्थानांतरित की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि चुनाव के समय मिथुन चक्रवर्ती ने एक चुनावी संबोधन के दौरान मनोरंजन के लिए अपनी पुरानी फिल्मों का डायलॉग बोलते हुए कहा था कि "मारूंगा यहां शव गिरेगा श्मशान में"। इसके खिलाफ तृणमूल ने उन पर भड़काऊ टिप्पणी की प्राथमिकी दर्ज कराई है। पिछले सप्ताह बुधवार को मिथुन के जन्मदिन वाले दिन कोलकाता पुलिस ने उनसे 45 मिनट तक पूछताछ की थी।

गौरतलब है कि इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के वकील ने शुक्रवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर नंदीग्राम से भाजपा के सुवेंदु अधिकारी के चुनाव को चुनौती देने वाली उनकी याचिका दूसरी पीठ को सौंपने का अनुरोध किया है। पत्र में दावा किया गया है कि ममता बनर्जी को यह जानकारी मिली है कि उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति कौशिक चंदा 'भाजपा के सक्रिय सदस्य' रह चुके हैं और चूंकि चुनाव याचिका पर फैसले के राजनीतिक निहितार्थ होंगे, इसलिए यह अनुरोध किया जाता है कि मामला कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश द्वारा दूसरी पीठ को सौंप दिया जाए। 


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