निगम चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर अब अनुपम हाजरा ने खोला प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा
आसनसोल नगर निगम चुनाव के लिए एक भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल करने जाते समय रास्ते में ही पार्टी बदल ली। इस घटना से नाराज हाजरा ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताई। उन्होंने ट्विटर पर लिखा ऐसे उम्मीदवार को कौन चुनता है?
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद से प्रदेश भाजपा के भीतर अंदरुनी कलह समाप्त होता नजर नहीं आ रहा है। राज्य में अब 22 जनवरी को होनेनाले चार नगर निगमों के चुनाव में उम्मीदवारों के चयन को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय सचिव अनुपम हाजरा ने गुरुवार को पार्टी नेतृत्व पर निशाना साधा है।आसनसोल नगर निगम चुनाव के लिए एक भाजपा प्रत्याशी ने नामांकन दाखिल करने जाते समय रास्ते में ही पार्टी बदल ली। इस घटना से नाराज हाजरा ने प्रदेश भाजपा नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जताई।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ऐसे उम्मीदवार को कौन चुनता है? और किस आधार पर उम्मीदवार का चयन किया जाता है, भगवान जानें। उन्होंने पोस्ट में यह भी उल्लेख किया कि वह टीम के फैसले से परेशान और शर्मिंदा थे। उनका इशारा प्रदेश नेतृत्व की ओर था। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब हाजरा ने प्रदेश भाजपा के खिलाफ अपनी नाराजगी जताई हो। वे विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद पहले भी कई बार पार्टी नेतृत्व के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं।
पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने कहा था, पार्टी के पुराने नेताओं व कार्यकर्ताओं की बजाय चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से आने वाले नेताओं व अभिनेता- अभिनेत्रियों को टिकट दिया गया, जिसके चलते पार्टी की हार हुई। हमने जमीनी स्तर से अवसरवादी नेताओं के बारे में बात की। पुराने को भूल गया हूं। यह गलती थी। उन्होंने यह भी कहा था, वोट खत्म हो गया है। उसे डंप करने और आगे बढ़ने का समय आ गया है। बता दें कि सोमवार को नामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन जब सभी प्रत्याशी व्यस्त थे तो आसनसोल के वार्ड नंबर 25 से भाजपा प्रत्याशी पिंटू मुखर्जी नामांकन केंद्र की जगह गुपचुप तरीके से राज्य के मंत्री मलय घटक के घर पहुंच गए। दोपहर में वे तृणमूल कांग्रेस की पूर्व पार्षद और इस बार वार्ड नंबर 23 से तृणमूल प्रत्याशी सीके रेशमा के साथ मंत्री के घर पहुंचे थे। वहां मंत्री मलय घटक ने पिंटू को तृणमूल का झंडा देकर पार्टी की सदस्यता दिलाई।इसके बाद पिंटू मुखर्जी ने कहा कि कोई दबाव नहीं है।
विकास को देखकर मैं भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल हुआ हूं। हालांकि बाद में भाजपा ने दावा किया कि टीएमसी में शामिल हुए पिंटू उनके उम्मीदवार नहीं हैं। हालांकि इसके बाद सवाल उठा कि भाजपा ने जिस पिंटू मुखर्जी को निगम चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया वह कहां गए? इस पहेली को भाजपा नेतृत्व सुलझा नहीं पाया। इसके बाद ही अनुपम हाजरा ने इस घटना को लेकर प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला है।
बता दें कि इससे पहले 19 दिसंबर को हुए कोलकाता नगर निगम चुनाव में भी उम्मीद के विपरीत परिणाम आने और प्रदेश व जिला इकाई में बड़े स्तर पर सांगठनिक फेरबदल के बाद से भाजपा में अंदरूनी कलह जारी है। सांगठनिक फेरबदल से कई विधायक भी नाराज हैं और उन्होंने पार्टी का व्हाट्सएप ग्रुप तक हाल में छोड़ दिया है। इन सबके बीच इसी महीने राज्य के चार नगर निगमों में चुनाव होने हैं। ऐसे में अंदरूनी कलह से पार्टी को और नुकसान हो सकता है।