West Bengal Election 2021: टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर बोले शाह- कोई अपराध करता है तो उसकी उम्र पूछनी चाहिए क्या
West Bengal Election 2021 टूलकिट मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूछा से पूछा गया तो उन्होंने कहा- जेंडर प्रोफेशन और उम्र इसके आधार एफआइआर तय होगा या गुनाह किया है या नहीं इसके आधार पर तय होगा।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। टूलकिट मामले में दिशा रवि की गिरफ्तारी पर देश में कई लोग सवाल उठा रहे हैं। इस संबंध में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आखिर इसमें गलत क्या है? केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोई अपराध करता है तो उसकी उम्र पूछनी चाहिए क्या? उसकी प्रोफेशन पूछना चाहिए क्या? वह किससे जुड़ा है यह पूछना चाहिए क्या? या फिर गुनाह किया है या नहीं किया है उसके आधार पर तय होगा।
शाह ने कहा कि अगर कल को कोई कुछ कर देता है...बड़ा गुनाह कर देता है और मानो वह कुछ भी है तो ऐसा कहना चाहिए कि क्यों राजनेताओं पर किया है, प्रोफेसरों पर किया है, क्यों किसानों पर किया है। केंद्रीय मंत्री ने सवाल उठाया कि ऐसा करेंगे क्या? शाह ने कहा कि ये क्या नया तरीका निकाल लिया है। जेंडर, प्रोफेशन और उम्र इसके आधार एफआइआर तय होगा या गुनाह किया है या नहीं इसके आधार पर तय होगा। एक नया फैशन चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस देश में अदालत है या नहीं। अगर गलत एफआइआर है तो आप अदालत जा सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसान आंदोलन से जुड़ी जांच को लेकर वह केस या उसके मेरिट के बारे में कुछ नहीं कहेंगे। शाह ने कहा कि यह उनका विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि आइपीएस अधिकारियों को पेशेवर तरीके से अपना काम करना चाहिए। हमें उनकी जांच पर पूरा भरोसा है। शाह ने कहा कि इस केस को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को कोई खास निर्देश नहीं दिए गए हैं जिससे की कानून को तोड़-मरोड़ कर कुछ करना पड़े। वे लोग संविधान के तहत काम कर रहे हैं।
शाह ने कहा कि 21-22 साल के कितने युवा होंगे जो गिरफ्तार होते हैं तो फिर एक खास मामले को क्यों उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस के पास कुछ तो सबूत होंगे। शाह ने मीडिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मीडिया भी इसमें लग जाता है। कोई पूछे तो सिर्फ आप ही क्यों? देश में 21 साल की कितनी बच्चिया हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस पेशेवर तरीके से अपना काम कर रही है। हो सकता है कि असेसमेंट में गलती हो, मुझे मालूम नहीं है। हालांकि गलती होने की संभावना कम है, क्योंकि यह संवेदनशील मामला है। लेकिन इसके खिलाफ अदालत तो खुली है।