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बड़ी संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की जब्ती के बाद बीएसएफ के खिलाफ आइसीपी पेट्रापोल पर ट्रक ड्राइवरों व ट्रांसपोर्टरों ने किया उग्र विरोध प्रदर्शन

बड़ी संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की जब्ती के बाद बीएसएफ के खिलाफ आइसीपी पेट्रापोल पर ट्रक ड्राइवरों व ट्रांसपोर्टरों ने किया उग्र विरोध प्रदर्शन बीएसएफ की कार्रवाई से बौखलाए हैं ट्रक ड्राइवर और ट्रांसपोर्टर अभियान में बीएसएफ ने बड़ी संख्या में जब्त किया था फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:41 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 11:41 AM (IST)
बड़ी संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की जब्ती के बाद बीएसएफ के खिलाफ आइसीपी पेट्रापोल पर ट्रक ड्राइवरों व ट्रांसपोर्टरों ने किया उग्र विरोध प्रदर्शन
आइसीपी पेट्रापोल पर बीएसएफ के खिलाफ प्रदर्शन करते ट्रक चालक, खलासी व ट्रांसपोर्टर। सौजन्य :: बीएसएफ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा हाल में बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट (आइसीपी) पेट्रापोल एवं घोजाडांगा में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर आयात- निर्यात के काम में लगे ट्रक ड्राइवरों के खिलाफ कार्रवाई व बड़ी संख्या में फर्जी लाइसेंस जब्त किए जाने के बाद से उनमें बौखलाहट है।इस कार्रवाई के बाद अब आइसीपी पेट्रापोल पर ट्रक ड्राइवरों तथा ट्रांसपोर्टरों ने आइसीपी पर तैनात बीएसएफ तथा लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एलपीएआइ) के खिलाफ उग्र धरना प्रदर्शन का आह्वान किया है।

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गुरुवार को आइसीपी पेट्रापोल पर बीएसएफ के खिलाफ इस तरह का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला।जिससे भारत-बांग्लादेश के बीच इस महत्वपूर्ण लैंडपोर्ट के माध्यम से व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। भारी माल वाहनों के ड्राइवर तथा ट्रांसपोर्टर बीएसएफ द्वारा निर्यात का माल लेकर भारत से बांग्लादेश जाने वाले ड्राइवरों की ड्राइविंग लाइसेंस चेकिंग तथा अनधिकृत लोकल ट्रक ड्राइवरों और हेल्पर का आइसीपी के अंदर प्रवेश रोकने से नाराज हैं तथा बीएसएफ के द्वारा मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और कानून के तहत उठाए गए कदम के खिलाफ उग्र विरोध प्रदर्शन कर रहे है।

यह है माजरा

गौरतलब है कि विगत 16 से 20 जनवरी, 2022 को बीएसएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आइसीपी पेट्रापोल पर निर्यात और आयात के मालों की आवाजाही की आड़ में विभिन्न सामानों की तस्करी में शामिल ट्रक ड्राइवरों के काले कारनामे को उजागर कर आइसीपी पेट्रापोल पर औचक जांच में बीएसएफ ने बीते तीन दिनों के दौरान 90 से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों के पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किए थे। जिसके बाद बीएसएफ ने बिना ड्राइविंग लाइसेंस की प्रामाणिकता जांचे आयात- निर्यात के ट्रकों को आइसीपी में आने पर रोक लगा दी है।विरोध प्रदर्शन मे शामिल ड्राइवरों तथा ट्रांसपोर्टरों ने बीएसएफ तथा एलपीएआइ द्वारा लागू किए गए नए नियमों को वापस लेने का दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है तथा आने वाले दिनों मे विरोध प्रदर्शन को और तेज करने तथा भारत-बांग्लादेश व्यापार को व्याधान करने की लगातार धमकी दे रहे हैं। बताते चलें कि इसी चेकपोस्ट के जरिए भारत और बांग्लादेश के बीच सबसे ज्यादा व्यापार होता है। साथ ही लोगों की आवाजाही भी होती है।

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस वाले ड्राइवरों को बांग्लादेश जाने की किसी कीमत पर नहीं देंगे अनुमति : बीएसएफ

वहीं, बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारी ने बताया कि भारतीय सीमा शुल्क विभाग और लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के संबंधित अधिकारियों को सूचित किया गया है कि बीएसएफ उन ट्रकों को बांग्लादेश जाने की किसी कीमत पर अनुमति नहीं दे सकती है जिनके ड्राइवरों के पास से फर्जी लाइसेंस पाए गए हैं।बीएसएफ अधिकारी ने साफ कहा कि इस मामले में नियमों (एसओपी) का पूरा पालन किया जाएगा और कोई रियायत नहीं दी जाएगी क्योंकि इस तरह फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस लेकर बांग्लादेश में आवाजाही से राष्ट्रीय सुरक्षा को भी नुकसान पहुंच सकता है। बनगांव गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन तथा लैंड पोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को भी इस साजिश के बारे में बताया है और इससे जुड़े अपराधी को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। अधिकारी ने बताया कि इस बात को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता की बड़े तस्कर इन ट्रक ड्राइवरों तथा हेल्परों को उकसा कर बीएसएफ के खिलाफ कर रहे है। फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के मामले को सीमा सुरक्षा बल के द्वारा पहले ही स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के संज्ञान में आवश्यक कार्रवाई हेतु लाया जा चुका है।

फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में पुलिस नहीं दर्ज कर रही है मामला

बता दें कि बीएसएफ द्वारा आइसीपी पेट्रापोल व घोजाडांगा से हाल में चलाए गए अभियान के दौरान करीब 200 ट्रक ड्राइवरों के पास से फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस जब्त होने के बावजूद पुलिस ने इस मामले में अब तक कथित रूप से कोई मामला दर्ज नहीं किया है। बीएसएफ व कस्टम के सूत्रों ने बताया कि बार-बार अनुरोध व जानकारी के बाद भी स्थानीय पुलिस फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में मामला दर्ज करने से इन्कार कर रही है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि इस रैकेट में कथित रूप से कहीं पुलिस की भी मिलीभगत तो नहीं है। 


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