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वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के जाने के बाद अब दूसरे नेताओं की तृणमूल में 'घर वापसी' रोकने में जुटी भाजपा

वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के बाद अब भाजपा की बंगाल इकाई ने विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के भीतर गहराते असंतोष को दूर करने व चुनाव से पहले दल में शामिल होने वाले तृणमूल नेताओं की घर वापसी रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 06:14 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 06:14 PM (IST)
वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के जाने के बाद अब दूसरे नेताओं की तृणमूल में 'घर वापसी' रोकने में जुटी भाजपा
प्रदेश भाजपा ने अपने नेताओं के असंतोष को दूर करने के प्रयास किए तेज

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के बाद अब भाजपा की बंगाल इकाई ने विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी के भीतर गहराते असंतोष को दूर करने व चुनाव से पहले दल में शामिल होने वाले तृणमूल नेताओं की घर वापसी रोकने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। दरअसल, चुनाव में हार के बाद राज्‍य में पार्टी के कई नेताओं ने कड़े सवाल उठाए थे और खुलकर नाराजगी का इजहार किया था।

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वहीं, विधानसभा चुनाव के पहले, बड़ी संख्‍या में तृणमूल नेताओं ने खेमा बदलते हुए भाजपा की ओर रुख किया था, लेकिन पार्टी की हार के बाद अब यह उल्‍टी नजर आ रही है। चुनाव में पाला बदलने वाले ज्यादातर नेताओं को करारी शिकस्त मिली है, ऐसे में अब उन्हें भाजपा में भविष्य नजर नहीं आ रहा है। ‌लिहाजा भाजपा में गए कई विधायक व अन्य नेता अपनी घर वापसी में जुटे हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री राजीब बनर्जी, पूर्व विधायक सब्यसाची दत्ता, प्रबीर घोषाल, सोनाली गुहा, दिव्येंदु विश्वास व सरला मुर्मू जैसे कुछ प्रमुख नाम हैं, जो अपनी पुरानी पार्टी में वापस आना चाहते हैं। ये सभी मुकुल रॉय के भी करीबी माने जाते हैं।

इस फेहरिस्त में और भी कई नाम हैं। दरअसल, नवंबर 2017 में भाजपा में शामिल होने के बाद से ही मुकुल ने ही ज्यादातर तृणमूल नेताओं को तोड़कर भाजपा में शामिल कराया था। अब तृणमूल में उनके लौटने के बाद वे इन नेताओं की दल में वापसी की पूरी कोशिश करेंगे,‌ यह बात भाजपा भी भली-भांति जानती है। लिहाजा पार्टी सतर्क है।

तृणमूल का दावा 35 भाजपा विधायक संपर्क में

तृणमूल का तो दावा है कि सिर्फ पार्टी छोड़ने वाले ही नहीं बल्कि 35 भाजपा विधायक शामिल होना चाहते हैं और वे लगातार संपर्क में हैं।खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक दिन पहले सार्वजनिक तौर पर कहा कि कई भाजपा नेता तृणमूल में शामिल होना चाहते हैं। इन संकेतों के बीच भाजपा भी उन्हें रोकने की कवायद में जुट गई है। दरअसल, तमाम कवायद के बावजूद सत्ता में नहीं आने के बाद भाजपा को अपने विधायकों के टूटने का भी डर सता रहा है। भाजपा ने 77 सीटों पर जीत दर्ज की है और पार्टी भले सत्ता में नहीं आ सकी लेकिन पहली बार राज्य में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है। ऐसे में सबसे पहले पार्टी के सामने अपने विधायकों को साथ बनाए रखने की चुनौती तो है ही, साथ ही तृणमूल से आने वाले बड़े नेताओं को भी पार्टी के साथ जोड़े रखना बड़ी चुनौती है।

पार्टी छोड़ते ही एक सांसद व 10 भाजपा विधायकों को मुकुल का फोन

इधर, खबर है कि तृणमूल में शामिल होते ही मुकुल रॉय ने गुरुवार रात में ही उत्तर बंगाल में भाजपा के एक सांसद व 10 विधायकों को फोन किया था। इस दौरान उन्होंने इन नेताओं से तृणमूल में शामिल होने का आह्वान किया। सूत्रों के अनुसार, जिन भाजपा नेताओं को फोन गया उन्होंने प्रदेश नेतृत्व को इसकी जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि कूचबिहार, जलपाईगुड़ी, पुरुलिया, दक्षिण दिनाजपुर समेत दक्षिण बंगाल के भी कुछ जिलों के भाजपा नेताओं को मुकुल का फोन गया था। इन घटनाक्रम के मद्देनजर प्रदेश नेतृत्व पूरी एहतियात बरत रहा है।


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