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छत्तीसगढ़ में धमकी मिलने के बाद कोलकाता पुलिस सीबीआइ जांच की मांग को लेकर पहुंची हाई कोर्ट

एक बदमाश को पकड़ने के लिए गई कोलकाता पुलिस को छत्तीसगढ़ में धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। यहां तक कि वहां की पुलिस की मदद मिलना तो दूर जिला पुलिस अधीक्षक ने कोलकाता के पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 05:51 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 05:51 PM (IST)
छत्तीसगढ़ में धमकी मिलने के बाद कोलकाता पुलिस सीबीआइ जांच की मांग को लेकर पहुंची हाई कोर्ट
आर्थिक अपराध के आरोपित को पकड़ने छत्तीसगढ़ गई थी कोलकाता पुलिस

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः एक बदमाश को पकड़ने के लिए गई कोलकाता पुलिस को छत्तीसगढ़ में धमकी दिए जाने का मामला सामने आया है। यहां तक कि वहां की पुलिस की मदद मिलना तो दूर जिला पुलिस अधीक्षक ने कोलकाता के पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर वे जीवित रहना चाहते हैं तो जिला छोड़ कर तत्काल चले जाएं। आखिरकार उन्हें अपराधी को पकड़े बिना ही कोलकाता लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद अब कोलकाता पुलिस ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और मांग की है कि सीबीआइ या सीआइडी जैसी संस्था को मामले की जांच का जिम्मा सौंपी जाए।

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11 मार्च को सिद्धार्थ कोठारी नाम के शख्स के खिलाफ कोलकाता के बड़तल्ला थाने में करोड़ों रुपये की आर्थिक धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। बाद में निचली अदालत ने आरोपित को गिरफ्तार करने का निर्देश जारी किया था। कोलकाता पुलिस ने जांच के साथ उक्त आरोपित की तलाश शुरू कर दी। पता चला कि सिद्धार्थ कोठारी छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में छुपा है।

इसके बाद कोलकाता पुलिस की एक टीम उसे गिरफ्तार करने के लिए दुर्ग पहुंच गई और उसे गिरफ्तार करने के लिए स्थानीय पुलिस से संपर्क साधा, लेकिन कोलकाता पुलिस को बाधाओं का सामना करना पड़ा। आरोप है कि स्थानीय बदमाशों के साथ आरोपित और उसके सहयोगियों ने कोलकाता पुलिस पर हमला कर दिया।

कोलकाता पुलिस के अधिवक्ता ने गुरुवार को हाई कोर्ट को यह जानकारी देते हुए कहा कि दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक के साथ उक्त आरोपित का बहुत अच्छे संबंध है। कोलकताा पुलिस के जाते ही उस शख्स ने दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक को फोन कर कहा कि अंकल, वे लोग आ गए हैं। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस ने कोलकाता पुलिस की मदद नहीं की। इसके विपरीत जिला पुलिस अधीक्षक ने कोलकाता के पुलिस अधिकारियों को बुलाकर कहा कि अगर वे अपनी जान बचाना चाहते हैं तो उन्हें यहां से तुरंत भाग जाना चाहिए। वह कुछ भी मदद नहीं कर सकते। नतीजतन, कोलकाता पुलिस की टीम आरोपित को गिरफ्तार किए बिना वापस लौट आई।

निचली अदालत के आदेश को लागू करने के लिए कलकत्ता पुलिस ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। इस मामले पर गुरुवार को न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ में सुनवाई हुई। कोलकाता पुलिस के अधिवक्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि बदमाश को गिरफ्तार करने की जिम्मेदारी सीबीआइ या सीआइडी को दी जाए। हालांकि, अदालत ने आज उनकी याचिका पर फैसला नहीं सुनाया। हालांकि, न्यायमूर्ति मंथा ने निर्देश दिया कि छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को इस मामले पर बंगाल के पुलिस प्रमुख (डीजीपी) बात करेंगे। अदालत को एक माह के भीतर सूचित करना होगा कि उक्त आरोपित को गिरफ्तार किया गया या नहीं? अगर इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होती है तो अदालत मामला एक निष्पक्ष एजेंसी को सौंपने पर फैसला सुनाएगी।


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