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नंदीग्राम के बाद अब सिंगुर के तृणमूल विधायक के बेटे तुषार कांति भट्टाचार्य भाजपा में होंगे शामिल !

सिंगुर के तृणमूल विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य के पुत्र तुषार कांति भट्टाचार्य ने भी भाजपा में शामिल होने के लिए अपना कदम बढ़ दिया है। वे जल्द ही हाल में भाजपा में शामिल होने वाले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा का झंडा थामेंगे।

By PRITI JHAEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 11:30 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 11:30 AM (IST)
तुषार कांति भट्टाचार्य भाजपा में होंगे शामिल

कोलकता, राज्य ब्यूरो। नंदीग्राम के बाद अब बंगाल के बहुचर्चित सिंगुर के तृणमूल विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य के पुत्र तुषार कांति भट्टाचार्य ने भी भाजपा में शामिल होने के लिए अपना कदम बढ़ दिया है। वे जल्द ही हाल में भाजपा में शामिल होने वाले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा का झंडा थामेंगे।

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दरअसल सुवेंदु नंदीग्राम से ही विधायक थे और यह उनका गढ़ माना जाता है।नंदीग्राम आंदोलन के सुवेंदु पोस्टर बॉय माने जाते हैं। मालूम हो कि बुधवार को चंदननगर विधानसभा क्षेत्र के सर्कस मैदान में आयोजित सभा से सुवेंदु अधिकारी ने सिंगुर के वयोवृद्ध तृणमूल विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य के पुत्र तुषार कांति भट्टाचार्य के भाजपा में शामिल होने ने की बातों का जिक्र किया था।

सुवेंदु ने कहा था कि तुषार कांति भट्टाचार्य मुझसे संपर्क किए थे, तथा उन्होंने भाजपा में शामिल होकर की इच्छा जताई है। वे भी भाजपा सहकर्मी की हैसियत से काम करना चाह रहे हैं। वहीं, सिंगुर विधानसभा सीट से लगातार चार बार विधायक रहे व पेशे से शिक्षक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य के पुत्र तुषार कांति भट्टाचार्य ने भी गुरुवार को कहा कि बुधवार को सभा मंच से सुवेंदु अधिकारी ने जो बातें कही है वह सही है। मैंने भाजपा में शामिल होंने के लिए सुवेंदु अधिकारी से संपर्क साधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काम से प्रेरित होकर मैं भाजपा में शामिल होना चाहता हूं और जल्द ही सुवेंदु अधिकारी के हाथों मैं भाजपा का झंडा थामूंगा।

तुषार का कहना है कि राजनीति के मामले में मेरा और मेरे पिता के विचार अलग हैं। वह अभी भी तृणमूल में है, और मैं भाजपा में जाना चाहता हूं। उधर, विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य का कहना है कि मेरे पुत्र तुषार कांति भट्टाचार्य का फैसला उसका निजी फैसला है। तुषार अगर भाजपा में जाता है तो जाए, इसका मतलब यह नहीं कि मैं भी भाजपा में जा रहा हूं।

उल्लेखनीय है कि हरिपाल के विधायक बेचाराम मन्ना एवं सिंगुर के विधायक रवींद्र नाथ भट्टाचार्य के बीच पिछले कई वर्षों से अंदरूनी लड़ाई चल रही है। जिसको लेकर रवींद्र नाथ भट्टाचार्य अपनी ही पार्टी से बगावत पर हैं। एक समय था कि सिंगुर की कृषि जमीन बचाने के लिए बेचाराम मन्ना एवं रवींद्र नाथ भट्टाचार्य ने हाथ मिलाकर किसान के पक्ष में आंदोलन किया था। आज यह दोनों आपस में ही एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं। 


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