West Bengal: हावड़ा में बंद पड़े आरती कॉटन मिल को खोलने के लिए अधीर रंजन चौधरी ने स्मृति ईरानी को लिखा पत्र
West Bengal कांग्रेस के नेता व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल के हावड़ा में बंद पड़े आरती कॉटन मिल को तुरंत खोलने की मांग को लेकर रविवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: लोकसभा में कांग्रेस के नेता व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बंगाल के हावड़ा में बंद पड़े आरती कॉटन मिल को तुरंत खोलने की मांग को लेकर रविवार को केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है। बंगाल के बरहमपुर से सांसद अधीर ने कपड़ा मंत्री से अनुरोध किया कि इस मिल को फिर से तुरंत खोलने के लिए वे पहल करें। उन्होंने कहा कि इस मिल बंद होने के चलते इसमें काम करने वाले सैकड़ों श्रमिक बेहद संकट के दौर से गुजर रहे हैं। श्रमिकों व उनके परिवार के सदस्य भुखमरी के कगार पर हैं। इसीलिए यथासंभव इस मिल को तुरंत फिर से खोलने के लिए केंद्र कदम उठाए। हावड़ा के दासनगर में स्थित आरती कॉटन मिल काफी पुराना मिल है। यह मिल केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल टैक्सटाइल कॉरपोरेशन (एनटीसी) द्वारा संचालित किया जाता है। पिछले काफी दिनों से इस मिल में उत्पादन बंद है। एक समय कपड़ा के क्षेत्र में इस मिल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में भाजपा और तृणमुल कांग्रेस के बीच जारी घमासान कांग्रेस और लेफ्ट एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का एलान किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने गुरुवार को इस बात की घोषणा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी है। बंगाल में 2021 विधानसभा चुनाव को लेकर बीत दिनों पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि बंगाल में ममता बनर्जी और भाजपा दोनों को रोकने के लिए लेफ्ट और कांग्रेस में गठबंधन होना ही चाहिए। ऐसे में गुरुवार को कांग्रेस आलाकमान ने लेफ्ट पार्टियों के साथ चुनावी गठबंधन को औपचारिक मंजूरी दे दी। अधीर रंजन चौधरी ही पार्टी के अध्यक्ष थे, जब साल 2016 में लेफ्ट और कांग्रेस ने एक साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में काफी कोशिशों के बावजूद दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा ने भी यहां चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है।