West Bengal Assembly Election 2021: भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती तृणमूल कांग्रेस: अधीर रंजन चौधरी
West Bengal Assembly Election 2021 अधीर रंजन चौधरीने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती है सिर्फ कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ही भाजपा का मुकाबला कर सकता है। अधीर के इस बयान के बाद सियासी बयानबाजी एक बार फिर तेज हो सकती है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल विधानसभा चुनाव में बढ़त बनाने की कोशिश में जुटे राजनीतिक दलों के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है। वहीं इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व लोकसभा में पार्टी के नेता कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को बड़ा बयान दिया है। अधीर ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकती है, सिर्फ कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ही भाजपा का मुकाबला कर सकता है। अधीर के इस बयान के बाद सियासी बयानबाजी एक बार फिर तेज हो सकती है। कांग्रेस सांसद अधीर ने कहा कि बंगाल के लोगों को महसूस हो रहा है कि राज्य में भाजपा और तृणमूल पर भरोसा करने की बजाए कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी के गठबंधन पर भरोसा किया जाए।
खोई जमीन वापस पाने की तलाश में हैं कांग्रेस व वाममोर्चा
दरअसल एक तरफ जहां भाजपा बंगाल में सरकार बनाने के मंसूबे बांध रही है, वहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस अपने जमीनी आधार को बरकरार रखने में जुटी हुई है। वहीं, लगभग तीन दशक तक सत्ता में रहने वाली माकपा भी इस चुनाव में कांग्रेस के साथ अपनी खोई ताकत वापस हासिल करने की कोशिश में है। दोनों दल पहले ही साथ मिलकर इस बार भी विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं। अभी सीटों के मुद्दे पर दोनों दलों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है।
वहीं, बंगाल के संसदीय मामलों के राज्य मंत्री तापस रॉय ने कहा कि वाम-कांग्रेस गठबंधन में भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ने की ताकत नहीं है और केवल उनकी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ही भाजपा को रोक सकती हैं। बसीरहाट के टीएमसी विधायक ने यह भी संकेत दिया कि राज्य में भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वाम-कांग्रेस गठबंधन को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए। तापस रॉय ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और वाम दलों से साथ आने की अपील करते हुए कहा था कि वे (भाजपा) कह रहे हैं कि बंगाल पर शासन करेंगे। मैं कांग्रेसियों और वामपंथी पार्टी के नेताओं से कहना चाहता हूं कि भाजपा को वे नहीं रोक सकते। कांग्रेस और वाम दल अकेले नहीं लड़ सकते, इसलिए वे एक साथ आए हैं। अगर वाममोर्चा और कांग्रेस वास्तव में भाजपा विरोधी हैं, तो उन्हें भगवा पार्टी की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ ममता बनर्जी की लड़ाई में सहयोग करना चाहिए।