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ईडी के वरिष्ठ स्पेशल डायरेक्टर आइपीएस योगेश गुप्ता का कोलकाता से दिल्ली तबादला

सारधा रोजवैली चिटफंड घोटाले की जांच का नेतृत्व कर रहे थे गुप्ता। गुप्ता का तबादला उस समय हुआ है जब कुछ दिन बाद ईडी में डेपुटेशन की अवधि खत्म होने ही वाली थी। विवेक वाडेकर को कोलकाता में ईडी के स्पेशल डायरेक्टर पद का अतिरिक्त प्रभार।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 04:56 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 04:56 PM (IST)
ईडी के वरिष्ठ स्पेशल डायरेक्टर आइपीएस योगेश गुप्ता का कोलकाता से दिल्ली तबादला
योगेश गुप्ता 1993 बैच और केरल कैडर के आइपीएस अधिकारी हैं

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः केंद्र सरकार ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के स्पेशल डायरेक्टर योगेश गुप्ता को कोलकाता से नई दिल्ली स्थानांतरित कर दिया है और कोलकाता में स्पेशल डायरेक्टर के पद का अतिरिक्त प्रभार विवेक वाडेकर को सौंपा है। कैबिनेट की नियुक्त समिति (एसीसी) ने सोमवार को यह फैसला लिया। गुप्ता का तबादला उस समय हुआ है जब कुछ दिन बाद ही ईडी में डेपुटेशन की अवधि खत्म होने ही वाली थी। 

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केरल कैडर के आइपीएस सेंट्रल डेपुटेशन पर थे

केरल कैडर के आइपीएस अधिकारी योगेश गुप्ता सेंट्रल डेपुटेशन पर थे। एक महीने के बाद उनकी अधिकतम डेपुटेशन की अवधि अपने आप ही खत्म होने वाली थी लेकिन उसके पहले ही अचानक से बड़ा फैसला लेते हुए कोलकाता से सीनियर स्पेशल डायरेक्टर का तबादला ईडी मुख्यालय में एक नए पद पर कर दिया गया है।

कई अहम बड़े तफ्तीश के कार्यों को अंजाम दिया

योगेश गुप्ता 1993 बैच और केरल कैडर के आइपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने पिछले करीब सात सालों में कई अहम बड़े तफ्तीश के कार्यों को उनके नेतृत्व में अंजाम दिया गया। बंगाल में सारधा, रोजवैली चिटफंड घोटाले सहित कोलकाता से जुड़े कई बड़े जांच से जुड़े मसलों की जांच में वह लगे हुए थे। गुप्ता के पूर्व के कार्यों की अगर बात करें तो सीबीआइ की मुंबई ब्रांच में भी वे कार्य कर चुके हैं। 

गुजरात दंगा मामले की तफ्तीश में टीम का हिस्सा

सीबीआइ के बैंक सिक्युरिटी एंड फ़्रॉड सेल में थे। उसी दौरान वह देश के बहुचर्चित मामला हर्षद मेहता का शेयर मार्केट घोटाला, केतन पारिख स्टॉक एक्सचेंज फर्जीवाड़ा, होम फ्राड सिक्योरिटी, एसबीआइ गोल्ड घोटाला, एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े घोटाले समेत गुजरात दंगा मामले की तफ्तीश में टीम का हिस्सा रह चुके हैं। 

अगले माह वह अपने मूल कैडर में लौट सकते हैं

ईडी सूत्रों के मुताबिक डेपूटेशन की सात साल की अधिकतम अवधि पूरा होने पर मूल कैडर लौटने का नियम है। योगेश गुप्ता दिल्ली मुख्यालय से ही अगले माह वह अपने मूल कैडर में लौट सकते हैं।


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