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ट्यूबवेल से निकल रही एक प्रकार की ज्वलनशील गैस, ग्रामीण धड़ल्ले से ईंधन के लिए कर रहे हैं इस्तेमाल

हैरतअंगेज-बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के सूतीहाटा थाना इलाके के खड़िबेड़िया गांव की घटना। विज्ञान मंच का दावा-जमीन के नीचे बन रही है गोबर गैस। ट्यूबवेल लगाने के कारण पाइप के बगल से गैस बाहर निकल रही है। कभी बड़ी संख्या में होता था मवेशियों का पालन।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 08:31 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 08:31 PM (IST)
ट्यूबवेल से निकल रही एक प्रकार की ज्वलनशील गैस, ग्रामीण धड़ल्ले से ईंधन के लिए कर रहे हैं इस्तेमाल
प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं। बावजूद लोग चोरी-छिपे जोखिम उठाने से बाज नहीं आ रहे।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के सूतीहाटा थाना इलाके के खड़िबेड़िया गांव में कुछ दिन पहले प्रशासन की ओर से लगाए गए ट्यूबवेल के बगल से एक प्रकार की ज्वलनशील गैस निकल रही है और ग्रामीण पाइप जोड़कर घर में धड़ल्ले से इसका ईंधन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि प्रशासन ने इस पर रोक लगा दी है और जांच के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद लोग चोरी-छिपे जोखिम उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं।

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पाइप के बगल से गैस बाहर निकल रही

इधर विज्ञान मंच का दावा है कि इस गांव में दशकों पहले लोग बड़ी संख्या में मवेशियों का पालन करते थे और माना जा रहा है कि जमीन के नीचे गोबर गैस बन रही है। ट्यूबवेल लगाने के कारण पाइप के बगल से गैस बाहर निकल रही है।

गांव में लंबे समय से थी पेयजल समस्या

पता चला है कि गांव में लंबे समय से पेयजल की समस्या थी और उसे हल करने के लिए स्थानीय निवासियों ने ट्यूबवेल के लिए हल्दिया विकास बोर्ड को आवेदन किया था। स्थानीय लोगों के अनुरोध पर हल्दिया विकास बोर्ड द्वारा गांव में ट्यूबवेल लगाए गए तथा यह कार्य दो महीने में पूरा हो गया। 

लोगों ने फायदा उठाने में कसर नहीं छोड़ी

ग्रामीणों ने बताया कि ट्यूबवेल से पानी के साथ साथ बगल से ज्वलनशील गैस भी निकलने लगी। शुरुआत में उन्हें लगा कि नए ट्यूबवेल होने के कारण यह गैस निकल रही है। लेकिन गैस निकलने का सिलसिला लगातार जारी रहा। इसके बाद स्थानीय लोगों ने उसका फायदा उठाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

गैस का इस्तेमाल ईंधन के लिए शुरू किया

ग्रामीणों ने इस गैस का इस्तेमाल ईंधन के लिए शुरू कर दिया। कईयों ने ट्यूबवेल के बगल से पाइप जोड़कर उसे गैस के चूल्हे के साथ जोड़ दिया। हालांकि प्रशासन ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों को गैस का इस्तेमाल नहीं करने की कड़ी हिदायत दी है तथा इसकी जांच के लिए भी कहा गया है। 

पाइप के बगल से गैस बाहर निकल रही है

इस बीच ग्रामीण चोरी-छिपे गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं। दूसरी ओर पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच का कहना है कि इस गांव में दशकों पहले लोग बड़ी संख्या में मवेशियों का पालन करते थे और माना जा रहा है कि जमीन के नीचे गोबर गैस बन रही है। ट्यूबवेल लगाने के कारण पाइप के बगल से गैस बाहर निकल रही है।


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