Bengal: चालक की खुदकुशी के लिए बस मालिकों ने ममता सरकार को ठहराया जिम्मेदार
बस मालिक संगठनों ने घटना के लिए परोक्ष तौर पर सरकार को ठहराया जिम्मेदार विभिन्न रूटों के बस चालकों व कंडक्टरों ने हाथ में खाली कटोरा लेकर सरकार के खिलाफ किया प्रदर्शन
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। ममता सरकार और बस मालिकों में किराया बढ़ाने को लेकर जारी तनातनी के बीच एक बस चालक ने खुदकुशी कर ली। प्राथमिक तौर पर खुदकुशी की वजह आर्थिक तंगी बताई जा रही है। बस मालिक संगठनों ने इसके लिए परोक्ष तौर पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मृतक का नाम विश्वजीत बराल (30) है। वह दमदम पार्क इलाके का रहने वाला था और रूट नंबर 221 का चालक था।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन में बस नहीं चला पाने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। कई लोगों का उसपर उधार हो गया था। लॉकडाउन के बाद बसें चलनी शुरू होने पर भी ज्यादा यात्री नहीं हो रहे थे, जिसके कारण उसकी कमाई बहुत कम हो गई थी। इससे वह तनाव में आ गया था और अंततः अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस आनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा-' सरकार ने अगर बस मालिकों और कर्मियों की तकलीफों को समझते हुए किराए में वृद्धि कर दी होती तो यह नौबत नहीं आती। हमारी हालत दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है लेकिन सरकार को इसकी तनिक भी परवाह नहीं है।' वही ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-' इस घटना से स्पष्ट हो गया है कि हम किस मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। कुछ दिन पहले हावड़ा में एक बस मालिक की आर्थिक तंगी के कारण तनाव में आकर दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। सरकार को अविंलब बसों का किराया बढाना चाहिए।'
इस बीच विभिन्न रूटों के बस चालकों व कंडक्टरों ने हाथ में खाली कटोरा लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि राज्य सरकार इस समय बस किराया बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। सरकार की तरफ से बस मालिकों के सामने 27 करोड़ रुपये के भत्ते के पैकेज की पेशकश की गई थी, जिसके तहत प्रत्येक बस के लिए अगले तीन महीने तक 15 हजार रुपये देने की बात कही गई थी, जिसे बस मालिकों ने नाकाफी करार देते हुए अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने निजी बस मालिकों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर उन्होंने खुद से बस सेवा बहाल नहीं की तो सरकार निजी बसों को अधिग्रहित करके उन्हें चलाएगी।