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Coronavirus के बीच ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिये 650 छात्रों से संपर्क, इंटरनेट और स्मार्टफोन को लेकर पूछे सवाल

एसएफआई ने पहले ही ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिये 650 छात्रों से संपर्क किया है और यहां प्रतिभागियों से उनकी इंटरनेट और स्मार्टफोन तक पहुंच को लेकर कुछ सवालों का जवाब देने को कहा गया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 06:25 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 06:25 PM (IST)
Coronavirus के बीच ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिये 650 छात्रों से संपर्क, इंटरनेट और स्मार्टफोन को लेकर पूछे सवाल
Coronavirus के बीच ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिये 650 छात्रों से संपर्क, इंटरनेट और स्मार्टफोन को लेकर पूछे सवाल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना वायरस महामारी के कारण पश्चिम बंगाल में मार्च के अंत से ही शिक्षण संस्थानों में कक्षाएं स्थगित हैं, ऐसे में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने आम छात्रों के बीच ऑनलाइन कक्षाओं के प्रभाव को जानने के लिये एक सर्वेक्षण शुरू किया है। एसएफआई की राज्य समिति के नेता शुभजीत सरकार ने शनिवार को कहा कि माकपा की छात्र इकाई (एसएफआई) अपने सर्वेक्षण के तहत एक महीने के भीतर राज्य के शहरी और ग्रामीण इलाकों के कम से काम पांच हजार छात्रों तक पहुंचने की योजना बना रही है। 

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उन्होंने कहा कि एसएफआई ने पहले ही ऑनलाइन सर्वेक्षण के लिये 650 छात्रों से संपर्क किया है और यहां प्रतिभागियों से उनकी इंटरनेट और स्मार्टफोन तक पहुंच को लेकर कुछ सवालों का जवाब देने को कहा गया। सरकार ने बताया, “छात्रों से अंग्रेजी और बांग्ला में पूछा गया कि क्या उनके पास स्थायी और अच्छा इंटरनेट कनेक्शन है, क्या वे ब्रॉडबैंड वाईफाई इस्तेमाल करते हैं या फिर मोबाइल वाईफाई ? और क्या वे इस नयी व्यवस्था को लेकर सहज हैं, जहां उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में इंटरनेट की ज्यादा प्रभावी भूमिका होती है।”

छात्रों पर  किस तरह का प्रभाव पड़ा

कुछ अन्य सवाल भी छात्रों से पूछे गये हैं जिनका जवाब उन्हें हां या न में देना हैं, जैसे- क्या इस लॉकडाउन के दौरान उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं लेनी पड़ीं, इसे लेकर उनका अनुभव कैसा था, क्या उन्हें इंटरनेट डाटा पैक खरीदना पड़ा और क्या यह डाटा पैक उन्होंने अपने माता-पिता के पैसे से खरीदा, अपने जेबखर्च से खरीदा या किसी शुभचिंतक या करीबी ने उन्हें इसे लेने में मदद की। उन्होंने कहा,“हम यह आंकलन कर रहे हैं कि ऑनलाइन कक्षाओं का छात्रों पर कुल मिलाकर किस तरह का प्रभाव पड़ा, क्योंकि उनमें से काफी संख्या में छात्र दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों में रहते हैं और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं। 

सर्वेक्षण का विश्लेषण करेंगे विशेषज्ञ

चार-पांच दिन पहले शुरू हुआ यह सर्वेक्षण जब पूरा हो जाएगा तब हमारे विशेषज्ञ इस प्रवृत्ति का विश्लेषण करेंगे और उसी के अनुरूप शिक्षण संस्थानों और सरकार के समक्ष मामला उठाएंगे।”यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरंजन दास ने पूर्व में कहा था कि ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ राज्य के दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले ज्यादातर छात्र नहीं उठा सकते और वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी भी एक अहम मुद्दा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक वजहों से भी बहुत से छात्र पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम के लिये जरूरी साधन नहीं जुटा सकते।


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