तस्करों से बरामद सोना हड़पने के मामले में कर्नल समेत पांच गिरफ्तार
सभी आरोपितों को अलीपुर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें सीआइडी हिरासत में भेज दिया गया।
जाटी, कोलकाता/सिलीगुड़ी। तस्करों से बरामद 15 किलो सोना हड़पने के मामले में सीआइडी ने सेना विजिलेंस के लेफ्टिनेंट कर्नल पवन ब्रह्मा समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में अलीपुरदुआर जिले के जयगांव के सब डिवीजनल पुलिस अफसर (एसडीपीओ) अनिरुद्ध ठाकुर, हाशिमारा आउटपोस्ट पर तैनात सब इंस्पेक्टर सत्येंद्र नाथ राय, हाशिमारा आउटपोस्ट के पूर्व प्रभारी कमलेंद्र नारायण और सेना विजिलेंस के कांस्टेबल दशरथ सिंह शामिल हैं। सभी आरोपितों को शनिवार को अलीपुर अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें सीआइडी हिरासत में भेज दिया गया। सीआइडी उनसे पूछताछ कर रही है। दूसरी ओर पुलिस आइजी (उत्तर बंगाल) ने भी अपने स्तर पर जांच शुरू की है।
ये है मामला गत 10 सितंबर को भूटान से 15 किलो सोने की तस्करी की जा रही थी। पुलिस व सेना के खुफिया विभाग ने तस्करी को विफल करते हुए सोना जब्त कर लिया था। एसडीपीओ अनिरुद्ध ठाकुर ने सेना के एक आला अधिकारी की मदद से 15 किलो सोना रख लिया। इस कार्य में ओसी ने भी साथ दिया। जयगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को इसकी भनक लग गई और उन्होंने एसडीपीओ के खिलाफ शिकायत कर दी। मामले की जांच में उतरे एसपी सुनील यादव ने एसडीपीओ को पूछताछ के लिए हाशिमारा थाने में बुलाया। उनके बयान में विसंगतियां मिलने पर उन्हें हिरासत में ले लिया गया। एसडीपीओ की मदद करने के आरोप में हाशिमारा चौकी के पूर्व ओसी को भी हिरासत में लिया गया। दोनों से पूछताछ शुरू हुई तो सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रणव ब्रह्म और सेना के खुफिया विभाग के जवान दशरथ सिंह का नाम सामने आया। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया।
मुख्यमंत्री ने दिया सख्त कार्रवाई का निर्देश मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जब इसका पता चला, उस वक्त वह राज्य सचिवालय नवान्न में पत्रकारों से मुखातिब थीं। उन्होंने पत्रकारों के सामने ही आरोपितों को अविलंब गिरफ्तार करने का निर्देश दिया। साथ ही इसकी जानकारी खुद पत्रकारों को दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरकानूनी काम करने वालों को पुलिस विभाग में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आइजी, सीआइडी और सेना ने शुरू की जांच सोना तस्करी में सेना और पुलिस कर्मियों के नाम सामने आने के बाद पुलिस आइजी, सीआइडी और सेना ने अपने-अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। आरोपितों से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं तस्करी में किसी और बड़े अधिकारी का तो हाथ नहीं है।