Coronavirus: लॉकडाउन के चलते ढाई हजार बांग्लादेशी फंसे, बांग्लादेश विदेश मंत्रालय वापस लाने में जुटा
Coronavirus. भारत में फंसे ज्यादातर बांग्लादेशी नागरिक कोलकाता सहित बंगाल में ही हैं। लॉकडाउन खत्म होते ही उन्हें बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
राजीव कुमार झा, कोलकाता। Coronavirus. कोरोना वायरस के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारत-बांग्लादेश सीमा सील होने से देश में करीब ढाई हजार बांग्लादेशी नागरिक फंस गए हैं। यह लोग शिक्षा, चिकित्सा आदि के सिलसिले में भारत आए थे। बांग्लादेश विदेश मंत्रालय इन्हें वापस लाने के लिए लगातार यहां अपने दूतावास के संपर्क में है। भारत में फंसे ज्यादातर बांग्लादेशी नागरिक कोलकाता सहित बंगाल में ही हैं। बांग्लादेश दूतावास सूत्रों के मुताबिक लॉकडाउन खत्म होते ही उन्हें बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। दरअसल बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा व शिक्षा के सिलसिले में भारत खासकर बंगाल आते हैं। लेकिन, कोरोना के चलते इस समय भारत -बांग्लादेश बॉर्डर सील है।
कोलकाता और ढाका के बीच बस व ट्रेन सेवा भी बंद है। बंगाल में बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत चार इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) - पेट्रापोल, गोजाडांगा, गेदे व महादीपुर है, जिसे होकर ही ज्यादातर बांग्लादेशी भारत में आवाजाही करते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते यह चारों आईसीपी भी अभी पूरी तरह बंद है। इसके कारण यहां से होकर लोगों के आने-जाने का सिलसिला बंद हो चुका है।
बांग्लादेश जाने वालों की संख्या में भारी कमी : बीएसएफ
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि वहां के लोगों के अभी भारत में आने पर पूरी तरह प्रतिबंध है, लेकिन जो बांग्लादेशी नागरिक उस तरफ जाना चाहते हैं वह अभी भी जा सकते हैं, परंतु लॉकडॉउन के बाद बांग्लादेश की ओर जाने वालों की संख्या में भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि पहले इन चारों चेकपोस्टों (आइसीपी) के जरिए हर दिन औसतन 8,200 बांग्लादेशियों का आना -जाना होता था। लेकिन, लॉकडॉउन के चलते बीते 23 मार्च से 3 अप्रैल के बीच 12 दिनों में इन चेकपोस्टों से होकर कुल 4,401 बांग्लादेशी ही वापस गए हैं।
गुलेरिया ने बताया कि अभी हर दिन इन चेकपोस्टों से महज 100 से 150 बांग्लादेशी नागरिक ही वापस जा रहे हैं। वहीं, 22 मार्च से 3 अप्रैल के बीच एक भी बांग्लादेशी का प्रवेश नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि अभी जो इक्का-दुक्का लोग बांग्लादेश जा रहे हैं वह पेट्रापोल व गोजाडांगा चेकपोस्ट होकर ही जबकि गेदे व महादीपुर चेकपोस्ट अभी पूरी तरह बंद है। इन दो चेकपोस्ट से 26 मार्च से एक भी व्यक्ति का आना- जाना नहीं हुआ है। गुलेरिया ने बताया कि पेट्रापोल व गोजाडांगा चेकपोस्ट से होकर ही ज्यादातर आवाजाही होती है। 23 मार्च से 3 अप्रैल के बीच पेट्रापोल से 2,477 जबकि गोजाडोंगा चेकपोस्ट से होकर 1,639 बांग्लादेशी वापस गए हैं। डीआइजी ने बताया कि सामान्य दिनों में पहले हर दिन पेट्रापोल आइसीपी से औसतन 5,500, गोजाडांगा से 1,500, गेदे से 1,000 व महादीपुर से 200 लोगों की आवाजाही होती थी।