तृणमूल ने नोटबंदी के 22 दुष्परिणाम को किया रेखांकित
-कहा, खोखला साबित हुआ काला धन वापसी का दावा -अर्थव्यवस्था को पहुंचा नुकसान, लोगों ने गंवाए रोजग
-कहा, खोखला साबित हुआ काला धन वापसी का दावा
-अर्थव्यवस्था को पहुंचा नुकसान, लोगों ने गंवाए रोजगार
जागरण संवाददाता, कोलकाता : नोटबंदी के दो साल पूरे होने पर पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने नोटबंदी के 22 दुष्परिणाम को रेखांकित किया हैं। गुरुवार को जारी बयान में पार्टी की ओर से कहा गया है कि नोटबंदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को काफी प्रभावित किया। कहा गया है कि नोटबंदी भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक संपूर्ण आपदा साबित हुआ है। पिछले एक साल के दौरान, प्रदर्शन को साबित कर दिया गया है। अर्थव्यवस्था चौपट हुई है, लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। बयान में कहा गया है कि नोटबंदी के जरिए काले धन की वापसी का कथित उद्देश्य खोखला दावा साबित हुआ है। आरबीआइ ने कहा है कि बंद किए गए 500 और 1,000 रुपये के 99 फीसद नोट परिसंचरण में वापस आ गए। बयान में कहा गया है कि भारत न तो दक्षिण एशिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और न ही दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने भारत के 2017-18 आर्थिक विकास पूर्वानुमान को 50 आधार अंकों से घटाकर 6.7 फीसद कर दिया है। इसके अलावा आइएमएफ ने अगले वर्ष के लिए भारत के विकास पूर्वानुमान को भी कम आंका है। अप्रैल-जून में भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.7 फीसद तक धीमी हो गई। यह एक साल पहले इसी अवधि के दौरान 7.1 फीसद था। इस तरह से बयान में नोटबंदी के कुल 22 दुष्परिणाम को रेखांकित किया गया है।