आमडांगा और बर्द्धमान में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या
लोकसभा चुनाव के बाद से राज्यभर में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं का दौर जारी है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : लोकसभा चुनाव के बाद से राज्यभर में राजनीतिक हिंसा और हत्याओं का दौर जारी है। उत्तर 24 परगना जिले के आमडांगा और पूर्व बर्द्धमान के खंडघोष थाना क्षेत्रों में दो लोगों की हत्या कर दी गई। मरने वालों के नाम नजीमुल करीम उर्फ अकबर अली मंडल (23) और गोपाल पाल (50) हैं। नजीमुल आमडांगा के बईचगाछी का रहने वाला था जबकि गोपाल खंडघोष के बेडूग्राम का वाशिंदा था। भाजपा ने दोनों को अपना कार्यकर्ता बताते हुए तृणमूल कांग्रेस पर हत्या का आरोप लगाया है। दूसरी ओर तृणमूल ने आरोप को झूठा बताया। उधर पुलिस का दावा है कि नजीमुल की हत्या शराबियों ने पीट-पीटकर की है जबकि गोपाल की हत्या कारोबारी रंजिश की वजह से हुई है। पुलिस ने दोनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामला दर्ज कर मौत के सटीक कारणों का पता लगाने में जुट गई है।
पहली घटना आमडांगा में घटी। नजीमूल शुक्रवार रात चिकित्सक के पास गया था। वहां से लौटने के दौरान कथित तौर पर दो शराबियों ने उसपर हमला कर दिया। दोनों ने नजीमुल की बुरी तरह पिटाई की। उसे अस्पताल ले जाने पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। घटना से नाराज भाजपाईयों ने रात में ही पथावरोध कर प्रतिवाद किया और मौत के लिए तृणमूल को जिम्मेदार ठहराते हुए दोषियों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस का दावा है कि यह राजनीतिक हिंसा नहीं बल्कि आपसी दुश्मनी का नतीजा है। पता चला है कि नजीमुल इसके पहले माकपा कार्यकर्ता था। लोकसभा चुनाव के दौरान वह भाजपा में शामिल हो गया था।
दूसरी घटना पूर्व बर्द्धमान के खंडघोष अंतर्गत बेड़ूग्राम में घटी। शुक्रवार रात बेड़ूग्राम के दिघीरपाड़ा स्थित दुकान से शव बरामद हुआ। भाजपा का आरोप है कि पार्टी समर्थक गोपाल की हत्या तृणमूल आश्रित गुंडों ने की है। मृतक के बेटे संजय पाल ने भी कहा कि पिता इन दिनों भाजपा नेताओं के काफी करीब थे। इसी कारण उनकी हत्या की गई है। दूसरी ओर तृणमूल ने हत्या के आरोपों को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि इससे पहले भी आमडांगा में राजनीतिक संघर्ष के चलते भाजपा समर्थक की हत्या हो चुकी है। वहीं बर्द्धमान में ही हिंसक घटनाएं जारी है।
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