दुष्कर्म के दोषी 17 साल के युवक को 20 साल की सजा
- अदालत ने युवक पर लगाया दो लाख का जुर्माना - मामले में लापरवाही बरतने के लिए जज ने जांच अधिका
- अदालत ने युवक पर लगाया दो लाख का जुर्माना
- मामले में लापरवाही बरतने के लिए जज ने जांच अधिकारी को लगाई फटकार
- राज्य सरकार देगी पीड़िता को पांच लाख का मुआवजा
जागरण संवाददाता, कोलकाता : सियालदह के अपर जिला सत्र न्यायाधीश व स्पेशल जज ने पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत दुष्कर्म के आरोपित 17 साल के युवक को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। उल्टाडागा निवासी आरोपित नाबालिग को पड़ोस में रहने वाली युवती से दुष्कर्म मामले में दोषी पाया गया है। 16 साल की नाबालिग पीड़िता के गर्भवती होने पर बीते तीन मार्च को उल्टाडागा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। वहीं अदालत ने युवक पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है, जिसका 90 फीसद हिस्सा पीड़िता को मिलेगा। इसके अलावा राज्य सरकार पीड़िता को पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी। इतना ही नहीं जज ने मामले की जाच कर रहे अधिकारी को लापरवाही के लिए फटकार भी लगाई। वहीं कहा गया कि अगर अदालत और विशेष लोक अभियोजक विवेक शर्मा मामले की तह तक नहीं गए होते तो दोषी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत ही आरोप लगाए जाते और परिणामस्वरूप सजा भी कम होती। बता दें कि जाच के बाद आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत मामला दर्ज किया गया। साथ ही जज ने आदेश दिया कि फैसले की कॉपी कोलकाता पुलिस के जॉइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) को भेजी जाए, ताकि वह जाच अधिकारी की लापरवाही के मामले में संज्ञान ले सकें।