पंचायत में निर्विरोध निर्वाचन पर अब 13 को आएगा फैसला
पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित 34 फीसद सदस्यों के भाग्य पर फैसला अब 13 अगस्त को होगा।
कोलकाता, जागरण न्यूज नेटवर्क। पश्चिम बंगाल के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित 34 फीसद सदस्यों के भाग्य पर फैसला अब 13 अगस्त को होगा। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सोमवार को फैसला आना था।
सूत्रों ने बताया कि जज की अनुपस्थिति की वजह से सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी और फैसला 13 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्विरोध निर्वाचित सीटों के नतीजे घोषित करने पर लगी रोक अब भी बहाल है।
मई में संपन्न हुए पंचायत चुनाव में हजारों सीटों पर सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। विपक्षी दल प्रत्याशी ही नहीं उतार पाए थे। विपक्षी दलों का आरोप है कि सत्तारूढ़ दलों के आतंक व हमले की वजह से प्रत्याशी नामांकन ही नहीं कर पाए। उनके आरोपों व शिकायतों को सत्य मानते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने चुनाव में ई-नामांकन की अनुमति दी थी।
इस फैसले को राज्य चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ई-नामांकन पर रोक के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई तक निर्विरोध निर्वाचित सीटों के परिणाम की घोषणा पर रोक लगा दी थी। इसके बाद चार जुलाई को भी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की पीठ में सुनवाई हुई थी।
जिसमें पीठ ने चुनाव परिणाम घोषित करने की रोक को छह अगस्त तक बढ़ाते हुए फैसले के लिए दिन मुकर्रर किया था। तीन जुलाई को सर्वप्रथम पीठ ने राज्य चुनाव आयोग के अधिवक्ता से पूछा था कि निर्विरोध निर्वाचित सीटों की संख्या कितनी है?
परंतु, सटीक संख्या नहीं बताने पर मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने आयोग को कड़ी फटकार लगाई थी और इतनी अधिक सीटों पर निर्विरोध जीतने पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए टिप्पणी की थी कि क्या बंगाल में लोकतंत्र निचले स्तर पर नहीं है? साथ आयोग को चार जुलाई को पूरी जानकारी देने का निर्देश दिया था। उस दिन आयोग की ओर से निर्विरोध निर्वाचित सीटों की सूची सौंपी गई थी।
चार जुलाई को पीठ ने आयोग से पूछा था कि नामांकन की तिथि एक दिन बढ़ाने के बाद उसे क्यों वापस ले लिया गया था? इसपर आयोग की ओर से चुनाव को लेकर क्या-क्या कदम उठाए गए थे इस बाबत जानकारी दी गई थी और निर्विरोध निर्वाचित पंचायत सदस्यों को विजयी घोषित करने की अनुमति देने की मांग की गई थी। इसपर न्यायाधीश ने आयोग कहा कि फैसला 6 अगस्त को सुनवाई जाएगी। परंतु, आज उस पर फैसला नहीं आ सका।