भाटपाड़ा नपा के 12 पार्षद तृणमूल में लौटे, अल्पमत में आई भाजपा
- फिरहाद ने कहा भय दिखाकर पार्षदों को भाजपा में कराया गया था शामिल - जल्द भाटपाड़ा नपा पर त
- फिरहाद ने कहा, भय दिखाकर पार्षदों को भाजपा में कराया गया था शामिल
- जल्द भाटपाड़ा नपा पर तृणमूल के बोर्ड गठन का किया दावा
- भाजपा ने सत्ताधारी पार्टी के दावे को किया खारिज
संवाद सूत्र, बैरकपुर : कालीपूजा के बाद भाटपाड़ा नगरपालिका पर कब्जे करने के अपने पूर्ववर्ती बयान के अनुसार तृणमूल कांग्रेस ने वह कर दिखाया है। भाटपाड़ा नपा के 12 पार्षदों को वापस पार्टी में शामिल करा लिया गया है। हालीशहर, कांचरापाड़ा, नैहाटी, गारुलिया नगरपालिका बोर्ड पर अपना कब्जा करने के बाद पार्टी के इस कदम को भाटपाड़ा पालिका पर कब्जा करने की ओर एक बड़ा राजनीति कदम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि तृणमूल के इस कदम के बाद पार्टी की भाजपा सांसद अर्जुन सिंह के गढ़ सेंध लगाने की रणनीति को काफी बल मिलेगी।
बुधवार को तृणमूल भवन में शहरी विकास मामलों के मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम, बैरकपुर के पूर्व पार्टी सांसद दिनेश त्रिवेदी, खाद्यमंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक, मंत्री तापस राय, जगतदल के विधायक परेश दत्त की उपस्थिति में 12 पार्षदों ने तृणमूल कांग्रेस में वापसी की।
लोकसभा चुनाव के बाद ये 12 पार्षद पार्टी छोड़कर अर्जुन सिंह के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हो गए थे। परिणामस्वरूप अल्पमत में आई सत्ताधारी पार्टी को भाटपाड़ा पालिका गंवानी पड़ी थी। हालांकि अब पालिका में सत्ताधारी पार्टी की स्थिति मजबूत हो चली है।
फिलहाल भाटपाड़ा पालिका में पार्षदों की संख्या 35 है। 12 पार्षदों के तृणमूल में वापस लौटने के बाद पालिका में पार्टी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। वहीं अब पार्टी पालिका पर अपना कब्जा फिर से करने की स्थिति में आ गई है। बता दें कि माकपा के एक पार्षद की मौत होने और अर्जुन सिंह के सांसद बनने के बाद दो पार्षदों की सीटें खाली हुई हैं। इधर अब भाजपा के 16 पार्षद हैं। इस दिन तृणमूल भवन में काउगाछी और पानपुर ग्राम पंचायत के एकाधिक सदस्य भी तृणमूल कांग्रेस में लौट गए। इस अवसर पर फिरहाद हकीम ने कहा कि 12 पार्षद पार्टी में लौट आए हैं। उन्हें भय दिखाकर भाजपा में जबरन शामिल कराया गया था। गुंडागर्दी व भय दिखाकर गणतंत्र को स्थापित नहीं किया जा सकता। पार्षदों के मन में ममता बनर्जी के प्रति जो सम्मान है, उसे भाजपा कैसे मिटा सकती है। फिरहाद ने कहा कि पार्टी जल्द ही पालिका पर फिर से अपना बोर्ड गठन करेगी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा पार्षदों के बिखराव की उक्त कहनी मंगलवार को उस समय शुरू हुई जब स्वास्थ्य विभाग के सीआइसी मनोज गुहा और सफाई विभाग के सीआइसी मनमोहन घोष को उनके पद से कथित तौर पर हटा दिया गया। पालिका के चेयरमैन सौरव सिंह का कहना है कि आपस में चर्चा कर उन दोनों सीआइसी को हटाकर गया है। जबकि कथित तौर पर अपदस्थ सीआइसी का दावा है कि भाजपा में शामिल होने के बावजूद हमारा लगाव तृणमूल से था। इसलिए उन्होंने अपने पद से स्वयं ही इस्तीफा दिया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र भी संबंधित विभाग को सौंपा है। बहरहाल उक्त घटनाक्रम को लेकर इलाके में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं।