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नहीं सुधरे टीएमसी नेता तो सबक सिखा देंगे: घोष

संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने फिर टीएमसी पर जबर्दस्त हमला

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 06:34 PM (IST)
नहीं सुधरे टीएमसी नेता तो सबक सिखा देंगे: घोष
नहीं सुधरे टीएमसी नेता तो सबक सिखा देंगे: घोष

संवाद सूत्र, मेदिनीपुर : पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने फिर टीएमसी पर जबर्दस्त हमला बोलते हुए कहा कि दिसंबर तक यदि इसके नेता नहीं सुधरे तो भाजपा उन्हें रास्ते पर लाएगी। ऐसा सबक सिखाया जाएगा जिसे वे कभी नहीं भूल पाएंगे।

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शुक्रवार को पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत मेदिनीपुर स्थित विद्यासागर मोड़ पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए घोष ने स्पष्ट कर दिया कि टीएमसी पर अप्रत्याशित हमले को ले जारी भारी विवाद का उन पर कोई असर नहीं पड़ा है, बल्कि टीएमसी नेताओं का एनकाउंटर करने के उनके बयान पर जारी विवाद के बावजूद वे अपने रुख पर कायम हैं। अपने वक्तव्य के पक्ष में दलीलें पेश करते हुए घोष ने कहा कि क्या टीएमसी ने किशनजी का एनकाउंटर नहीं कराया? क्या नक्सली दमन के नाम पर कोलकाता के राजपथ पर खून नहीं बहा? यदि मौलिक अधिकार का हनन होगा तो मां-बहनों की रक्षा के लिए हमें कुछ न कुछ तो करना ही होगा। उन्होंने कहा कि समूचे देश ने देखा कि पंचायत चुनाव में इस राज्य में कितनी ¨हसा हुई। इसलिए टीएमसी नेताओं को वे दिसंबर तक का समय देते हैं, यदि वे नहीं सुधरे तो उन्हें हम सुधारेंगे। सभा में जिलाध्यक्ष समित दास, विश्वप्रिय राय चौधरी जय बनर्जी, विजय बनर्जी आदि नेता भी उपस्थित रहे। इस दौरान तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के जिला कार्यकारी अध्यक्ष उमा शंकर रॉय को दलीय ध्वज थमाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दल में शामिल किया।

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पंचायत चुनाव में 34 फीसद सीटों पर नामांकन नहीं करने देने का दावा :

हाल में संपन्न पंचायत चुनाव का उदाहरण देते हुए घोष ने दावा किया कि टीएमसी ने 34 फीसद सीटों पर नामांकन करने नहीं दिया। पुलिस और टीएमसी गुंडों के संयुक्त दल ने नामांकन प्रक्रिया तक बीडीओ और एसडीओ कार्यालयों को घेरे रखा, ताकि विरोधी नामांकन नहीं कर सके। 42 फीसद लोग मतदान के अधिकार से वंचित रहे। चुनाव जीतने के बावजूद हमारे निर्वाचित प्रतिनिधियों को जीत का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। बाद में कह दिया गया कि मतगणना में गलती से उन्हें विजयी घोषित किया गया था, अब वे पराजित हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सवा लाख सिविक वॉ¨लटयर्स टीएमसी के कैडर बन चुके हैं, जबकि एसपी इसके जिलाध्यक्ष और थाना प्रभारी मंडल अध्यक्ष की भूमिका का निर्वाह कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में आखिर और क्या किया जाए।


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