सबंग उपचुनाव का केंद्र ¨बदु बना बेईमान
साधारणत: 'बेईमान' कहलाना कोई पसंद नहीं करता, लेकिन र
तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : साधारणत: 'बेईमान' कहलाना कोई पसंद नहीं करता, लेकिन राजनीतिक परिस्थितियां इस गंभीर आरोप को तमगे का रूप भी दे सकती है। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर तहसील के सबंग विधानसभा उपचुनाव में कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। राजनीतिक घालमेल में 'बेईमानी' का आरोप भी तमगे के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। दरअसल पूर्व कांग्रेस नेता व विधायक मानस भुइयां के टीएमसी के टिकट पर राज्यसभा सांसद चुने जाने और विधायक पद से इस्तीफा देने की वजह से सबंग में डेढ़ साल के भीतर चुनाव की नौबत आई है। भुइयां अब टीएमसी में हैं और पार्टी ने पाला-बदल के पुरस्कार के तौर पर उनकी पत्नी गीता रानी भुइयां को यहां से उम्मीदवार बनाया है। लिहाजा चुनाव प्रचार में उनसे जुड़ा यही पहलू आरोप-प्रत्यारोप का केंद्र ¨बदु बन गया है। विरोधी दल खास तौर से भुइयां की पुरानी पार्टी कांग्रेस उन पर पार्टी और जनता के साथ बेईमानी का आरोप लगा रही है। अपने पिछले दो दौरे में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी तक ने भुइयां पर यह आरोप लगाने से गुरेज नहीं किया। दूसरी ओर इसकी काट के तौर पर टीएमसी खेमे ने भी इस आरोप को तमगे की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। चुनाव में जोर-आजमाइश कर रही भाजपा के नेता भी टीएमसी उम्मीदवार और उनके नेताओं पर यही आरोप लगा रहे हैं। दौरे पर आ रहे प्रदेश स्तरीय नेताओं के साथ ही जिले के स्थानीय नेता भी नुक्कड़ सभाओं में दलीलें दे रहे हैं कि भुइयां ने सबंग का अभूतपूर्व विकास किया है। विकास के लिए ही वे टीएमसी में आए हैं। यदि किसी को यह बेईमानी लगती है तो हमें यह आरोप पसंद है।बल्कि घर-घर में ऐसे लोग होने चाहिए। इससे चुनावी कश्मकश रोचक मोड़ पर पहुंचती नजर आ रही है। कांग्रेस जिला समिति के कार्यकारी अध्यक्ष समीर राय और भाजपा जिलाध्यक्ष समित दास ने कहा कि निष्पक्ष चुनाव होने की स्थिति में जनता बेईमानों को सबक सिखाने से पीछे नहीं रहेगी। वहीं टीएमसी जिलाध्यक्ष अजीत माईती ने कहा कि 24 दिसंबर को मतगणना के बाद विरोधियों की बोलती बंद हो जाएगी। हम यहां भारी मतों के अंतर से जीत हासिल करेंगे।