फिर आलू पर दांव खेलने को तैयार किसान
पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत ग्रामांचलों के किसान एक बार फिर आल
जागरण संवाददाता, खड़गपुर : पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत ग्रामांचलों के किसान एक बार फिर आलू पर दांव खेलने को तैयार हैं। इसी के साथ मौसम और हाथियों से फसल की रक्षा का सवाल काफी महत्वपूर्ण हो चुका है।
बता दें कि जंगल महल का यह क्षेत्र मुख्य रूप से धान की फसल के लिए जाना जाता है, लेकिन गड़वेत्ता के तीन प्रखंडों समेत जनपद के कुछ हिस्सों में ठंड के दिनों में आलू की पैदावार भी अच्छी-खासी होती है। आलू की खेती के लिए स्थानीय किसान बीज के मामले में काफी हद तक पंजाब पर निर्भर हैं। पिछले साल अत्यधिक उत्पादन से आलू किसानों को आर्थिक क्षति झेलनी पड़ी थी। इस साल धान की फसल भी बारिश के मौसम में लगातार सूखे से बर्बादी की कगार पर पहुंच गई थी। अक्टूबर के मध्य में तितली तूफान के चलते हुए तेज बारिश से किसानों को कुछ हद तक राहत मिली थी। धान की फसल कटने के तत्काल बाद ही जिले के गड़वेत्ता प्रखंड एक, दो व तीन तथा ग्वालतोड़ व चंद्रकोणा में किसान आलू की पैदावार में जुट चुके हैं, लेकिन मौसम और हाथियों से फसल की रक्षा का सवाल अब भी काफी महत्वपूर्ण बना हुआ है, क्योंकि अमूमन हर साल आलू की पैदावार किसानों के लिए जुआ साबित होता है। जिला परिषद के उपाध्यक्ष अजीत माईती ने कहा कि जनपद के कई प्रखंडों में आलू की अच्छी फसल होती है। इस बार भी अच्छी पैदावार की संभावना है। किसानों को ऋण व बीमा आदि का लाभ भी मिलता है।
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किसानों की ¨चता के प्रमुख कारक
** ओला वृष्टि
** असमय बारिश
** अपेक्षित ठंड का अभाव व तामपान में वृद्धि
** हाथी व अन्य जंगली जानवर
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किसानों की उम्मीदें
** सरकारी ऋण
** अनुदान व बीमा
** क्षति की स्थिति में मुआवजा