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19 के चुनावी परिदृश्य में खुद को दोहरा रहा 16

सही कहा है समय से बड़ा बलवान कोई नहीं। समय सिकंदरों

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Nov 2019 06:59 PM (IST)Updated: Tue, 05 Nov 2019 10:00 PM (IST)
19 के चुनावी परिदृश्य में खुद को दोहरा रहा 16
19 के चुनावी परिदृश्य में खुद को दोहरा रहा 16

तारकेश कुमार ओझा, खड़गपुर : सही कहा है, समय से बड़ा बलवान कोई नहीं। समय सिकंदरों को रचता-गढ़ता है तो ध्वस्त भी करता है। समय खुद को दोहराता भी है। पश्चिम मेदिनीपुर जिला अंतर्गत खड़गपुर विधानसभा उपचुनाव से जुड़े परि²श्यों पर नजर डालें तो ऐसा प्रतीत होता है मानो 2016 खुद को दोहराने पर आमादा हो।

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अप्रैल 2016 में राज्य विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू होते ही चार दशकों से विधानसभा क्षेत्र पर काबिज कांग्रेस के हौसले स्वाभाविक रूप से बुलंद थे। उस पर परिस्थितियों के चलते कांग्रेस का चुनावी गठबंधन वाममोर्चा से होते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं का उत्साह हिलोरे मारने लगा। बाजी हाथों में नजर आ रही थी, लेकिन उम्मीदवारी का पेंच ऐसा फंसा कि जीत हाथ आने के बजाय फिसलती चली गई और पहली बार रेलनगरी भगवा रंग में रंग गया। दरअसल आम कांग्रेस कार्यकर्ता चाहते थे कि पकी उम्र में सोहनपाल खुद चुनाव न लड़े और किसी योग्य को उम्मीदवार बना कर उसे अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दें, लेकिन ऐसा हो न सका। लिहाजा तकरीबन साढ़े छह हजार वोटों से भाजपा उम्मीदवार दिलीप घोष विजयी हुए, जबकि तकरीबन चार दशकों से विधानसभा में शहर का प्रतिनिधित्व करते आ रहे वयोवृद्ध नेता स्व. ज्ञानसिंह सोहनपाल को मुंह की खानी पड़ गई।

फिर उम्मीदवार का पेंच

इस बार के उपचुनाव में उम्मीदवारी का बिल्कुल ऐसा ही पेंच भाजपा में नजर आ रहा है। लंबी उहापोह के बाद पार्टी जिला समिति के उपाध्यक्ष प्रेमचंद झा को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। हालांकि नाम घोषित होने के बाद से झा जनसंपर्क तो दूर कहीं नजर भी नहीं आए हैं। कार्यकर्ता उनसे मोबाइल पर भी संपर्क न हो पाने की शिकायत कर रहे थे। हालांकि बुधवार को पर्चा दाखिल करने की आखिरी तारीख पर उनके द्वारा नामांकन की बात कही जा रही है।

खत्म हुआ झा का अज्ञातवास

उम्मीदवारी घोषित होने से जुड़े घटनाक्रम के समय ही रहस्यमय अज्ञातवास में रह रहे भाजपा उम्मीदवार प्रेमचंद झा ने मंगलवार को मौन तोड़ा। बातचीत के क्रम में झा ने कहा कि शासक दल व स्र्वाथी तत्व उन्हें झूठे मामलों में फंसाने का कुचक्र रच रहे हैं, लेकिन अब वे लौट आए हैं। बुधवार को वे पर्चा दाखिल करेंगे, जबकि सूत्रों के मुताबिक भूमि विवाद मसले पर अदालती कार्रवाई के चलते झा भूमिगत थे। कलकत्ता उच्च न्याय ने आगामी 13 नवंबर तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।


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