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कूर्ति चाय बागान में स्थापित मंदिर में साल भर होती है विश्वकर्मा पूजा

- मंदिर में भगवान विश्वकर्मा का वाहन हाथी नहीं बल्कि राज हंस - 100 फीट नीचे स्थित गठिया न

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Sep 2018 06:15 PM (IST)Updated: Mon, 17 Sep 2018 06:15 PM (IST)
कूर्ति चाय बागान में स्थापित मंदिर में साल भर होती है विश्वकर्मा पूजा
कूर्ति चाय बागान में स्थापित मंदिर में साल भर होती है विश्वकर्मा पूजा

- मंदिर में भगवान विश्वकर्मा का वाहन हाथी नहीं बल्कि राज हंस

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- 100 फीट नीचे स्थित गठिया नदी से लाया जाता है जल

संवाद सूत्र, नागराकाटा: वर्ष में एक बार नहीं बल्कि नागराकाटा के कूर्ति चाय बागान में 1460 बार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। यहां साल भर दिन में चार बार देवता की पूजा-अर्चना होती है। नागराकाटा से छह किलोमीटर दूर कूर्ति चाय बागान पहले से ही चाय के उत्पादन व गुणवत्ता के लिए प्रचलित है। साथ ही यहां अपने मंदिर में अलग से भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित की गई है। कई लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। यहां दिन में चार बार विशेष भोग के साथ देवता की पूजा की जाती है। जल पास के 100 फीट नीचे वाली गठिया नदी से लाई जाती हे।

बागान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कूर्ति तीन नंबर सेक्शन के अपूर्व लैंडस्कैप में वर्ष 1994 में मंदिर की स्थापना की गई थी। मंदिर में सीता-राम, शिव, दुर्गा व लक्ष्मी नारायण के अलावा भगवान विश्वकर्मा की भी अलग से पूजा होती है। मूर्ति जयपुर से लाई गई थी। यहां भगवान विश्वकर्मा का वाहन हाथी नहीं बल्कि राज हंस है। मंदिर को एक पर्यटन स्थल के रूप में भी माना जाता है। विश्वनाथ झा शुरू से ही मंदिर के पुरोहित हैं। इसके अलावा सहकारी पुरोहित के अलावा पांच अन्य कर्मचारी भी मंदिर का कामकाज देखते हैं। इस दिन भी विश्वकर्मा पूजा को लेकर मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया था।


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