ट्रेन परिचालन शुरू होने से भारत-बांग्लादेश के बीच रिश्ते मजबूत होंगे
-- उत्तर बंगाल से कोलकाता की दूरी 40 प्रतिशत कम होगी 14 घंटे के जगह 6 घंटे में पहुंच जा
-- उत्तर बंगाल से कोलकाता की दूरी 40 प्रतिशत कम होगी, 14 घंटे के जगह 6 घंटे में पहुंच जाएंगे यात्री
- बांग्लादेश से आए ट्रेन चालक व अन्यों का माला पहनाकर किया स्वागत
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: 1965 के बाद दुबारा भारत-बांग्लादेश के बीच रेल परिचालन शुरू हो गई। 55 साल बाद फिर से बांग्लादेश से ट्रेन भारतीय जमीन पर पहुंची है। ट्रेन चालक साहिदूल इस्लाम बांग्लादेश से भारत ट्रेन लाकर काफी खुश थे। उन्होंने कहा कि अब दोनों देशों के बीच संबंध और भी मजबूत होंगे। गुरुवार को 1 बजकर 3 मिनट पर बांग्लादेश से भारत मालगाड़ी पहुंची। इसके बाद बीएसएफ और बीजीबी की तरफ से एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गई। फिर 2 बजकर 5 मिनट पर ट्रेन हल्दीबाड़ी स्टेशन पर पहुंची। बांग्लादेश से एक रेल इंजन, 30 बोगी, दो गार्ड रूम भारत में प्रवेश किया। इस दिन मोहम्मद अफजल हुसैन (ग्रेड वन गार्ड), मोहम्मद सफिकूक इस्लाम (ग्रेड 2 गार्ड),सहिदूल इस्लाम, शाहजान अली बांग्लादेश से ट्रेन के साथ पहुंचे थे। यहां उनलोगों को माला पहनाकर स्वागत किया गया। इधर ट्रेन के घुसते ही लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
यहां बीएसएफ के सिलीगुड़ी राधाबाड़ी सेक्टर के 65 नंबर बटालियन के कमांडेंट अनिल कुमार सिंह ने कहा कि आज का दिन काफी खुशी का है। भारत-बांग्लादेश के बीच रेल परिसेवा शुरू होने का प्रत्यक्ष उदाहरण बन पाए हैं। उनलोगों के ऊपर जिम्मेदारी है कि हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी लिंक गेट की सुरक्षा सटीक तरीके से कर पाएं।
गौरतलब है कि कभी जलपाईगुड़ी स्टेशन से शुरू होकर बांग्लादेश होते हुए ट्रेन कोलकाता पहुंचती थी। यहां से विश्व कवि रवींद्रनाथ ठाकुर, नेातजी सुभाष चंद्र बोस दार्जिलिंग मेल में बैठकर कोलकाता से बांग्लादेश होते हुए पूरे उत्तर बंगाल का भ्रमण कर चुके हैं। 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए तनाव के कारण ट्रेन परिचालन बंद हो गया था, लेकिन छिटमहल समझौते के बाद फिर दोनों देशों के बीच ट्रेन चलाने को लेकर सहमति बनी। हल्दीबाड़ी स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेशन का दर्जा देने के साथ-साथ सीमा तक 3.34 किलोमीटर तक रेल लाइन बिछाया गया। इस कार्य में करीब 33.50 करोड़ रुपये का खर्च हुआ। इसी प्रकार के सीमा के दूसरे पार चिलाहाटी स्टेशन को भी सजाया गया। बांग्लादेश रेल विभाग ने चिलाहाटी से हल्दीबाड़ी तक करीब 6.728 किलोमीटर रेल लाइन बिछाया। दोनों देशों के रेल सीमा पर कांटेदार तार का गेट भी बनाया गया है। दुबारा रेल परिचालन शुरू होने से उत्तर बंगाल और कोलकाता के बीच करीब 40 प्रतिशत की दूरी कम हो जाएगी। जहां 14 घंटे का समय लगता था, अब वहीं 6 घंटे में कोलकाता पहुंच जाएंगे।