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एशिया के सबसे बड़े चेंगमारी चाय बागान के बंद होने से छह हजार श्रमिक बेरोजगार

जलपाईगुड़ी के डुवार्स में स्थित एशिया के सबसे बड़े चेंगमारी चाय बागान के गेट में ताला लगने से स्थायी व अस्थायी मिलाकर करीब छह हजार चाय श्रमिक व कर्मचारी बेरोजगार हो गए।

By Rajesh PatelEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 09:57 AM (IST)
एशिया के सबसे बड़े चेंगमारी चाय बागान के बंद होने से छह हजार श्रमिक बेरोजगार
एशिया के सबसे बड़े चेंगमारी चाय बागान के बंद होने से छह हजार श्रमिक बेरोजगार
नागराकाटा [संवादसूत्र]। जलपाईगुड़ी के डुवार्स में स्थित एशिया के सबसे बड़े चेंगमारी चाय बागान के गेट में ताला लगने से स्थायी व अस्थायी मिलाकर करीब छह हजार चाय श्रमिक व कर्मचारी बेरोजगार हो गए। बागान प्रबंधन ने नोटिस जारी कर घोषित कर दिया है कि अगली विज्ञप्ति जारी नहीं होने तक बागान का कामकाज बंद रहेगा। इसपर श्रमिकों ने गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन किया। सूचना पाकर नागराकाटा के विधायक सुकरा मुंडा मौके पर पहुंचकर श्रमिकों को शांत करते हुए जल्द से जल्द बागान खुलवाने का आश्वासन दिया।
बागान बंद का कारण सुरक्षा व विधि व्यवस्था का अभाव बताया गया है। श्रमिक संगठनों ने बागान बंद कर देने के फैसले का तीव्र विरोध किया है। मालबाजार के महकमा शासक सियाद एन ने कहा कि ई-मेल के जरिए बागान की ओर से विज्ञप्ति की प्रतिलिपि भेजी गई है। आला अधिकारियों को इस विषय की जानकारी दी गई है। बागान शीघ्र खोलने के लिए मालिक पक्ष से बातचीत की जा रही है।
नागराकाटा के विधायक तथा सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के चाय श्रमिक संगठन चाय बागान तृणमूल कांग्रेस मजदूर यूनियन के महासचिव सुकरा मुंडा ने कहा कि चेंगमारी में बागान प्रबंधन का यह फैसला दुखद व श्रमिक हित विरोधी है। प्रशासन को सारी जानकारी दी गई है। जल्द बागान खुलना चाहिए। सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस के नागराकाटा ब्लॉक कमेटी के नेता तथा बागान के निवासी अमरनाथ झा ने कहा कि गत सोमवार को श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थिति संभालने के लिए कोई नहीं रहने के कारण कुछ अप्रिय घटना घट गई। दूसरी ओर, मालिक संगठन टी एसोसिएशन ऑफ इंडिया के डुवार्स शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने कहा कि चेंगमारी चाय बागान की परिस्थिति जटिल हो गई थी। उल्लेखनीय है कि सिर्फ चेंगमारी नहीं, कैरन व धरनीपुर जैसे दो बंद चाय बागानों के श्रमिकों की रोजीरोटी इसी बागान पर निर्भर है। करीब 20 हजार लोग इस बागान पर निर्भर हैं। चेंगमारी चाय बागान प्रबंधन के फैसले से इस बागान से जुड़े सभी इलाके में निराशा व्याप्त है। गौरतलब है कि विगत शुक्रवार को लुकसान ग्राम पंचायत में बोर्ड गठन के बाद से ही चेंगमारी में अशांति का माहौल उत्पन्न हो गया था।  

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