Ram Navami 2020: विहिप का भव्य कार्यक्रम स्थगित, रामनवमी को लेकर राम भक्तों से बड़ा आह्वान
कोरोना वायरस के कारण देशभर में आपात स्थिति है। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद अपने भव्य कार्यक्रम को स्थगित करते हुए राम भक्तों से आह्वान किया है कि इस महामारी पर जीत हासिल करें
जागरण संवाददाता,सिलीगुड़ी। कोरोना वायरस के कारण देशभर में आपात स्थिति का माहौल है। ऐसे में विश्व हिंदू परिषद अपने भव्य कार्यक्रम को स्थगित करते हुए प्रत्येक राम भक्तों से आह्वान किया है कि इस महामारी से उसी प्रकार से विजय प्राप्त करें । जिस प्रकार प्रभु राम ने सभी संकटों से विजय प्राप्त किया था। सिलीगुड़ी विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी सुशिल रामपुरिया, लक्ष्मण वंसल तथा राकेश अग्रवाल ने बताया कि राम भक्तों को हम यही आश्वासन देना चाहते हैं कि रामजी करेंगे बेड़ा पार उदासी मन काहे को करें।
केंद्रीय निर्देशानुसार किस वर्ष रामनवमी को सभी राम भक्तों दिन के 2:00 बजे अपने अपने घरों में राम की प्रतिमा सामने रखकर रामायण या राम धुन गाएंगे। शाम को सभी घरों में दीप जलाकर श्री राम के आगमन खुशियां मनाई जाएगी। लॉक डाउन का पूरी तरह पालन करते हुए इस महा उत्सव को घरों तक ही सीमित रख कर मनाया जाएगा जिससे न सिर्फ उनका कल्याण होगा बल्कि पूरे विश्व का कल्याण होगा।
अद्भुत है श्री राम का जीवन चरित्र
कहते है कि हिंदू धर्मशास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था.हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी का पर्व मनाया जायगा। हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण का वध करने तथा धर्म की पुन: स्थापना करने के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था।
भगवान श्री राम की महिमा अपरंपार है। श्री राम खुद कह गए राम से बड़ा राम का नाम। जो बात स्वयं राम कह गए वो कैसे गलत हो सकती है? दरअसल, जीवन का आधार ही राम नाम है। हर जगह राम नाम की महिमा का गुणगान है। राम सिर्फ एक नाम नहीं है। राम नाम तो सबसे बड़ा मंत्र है। राम नाम की महिमा तो ये है कि सदाशिव भोले शंकर भी राम नाम जपते रहते हैं। इसी नाम का वो हर प्रहर जाप करते रहते है। संसार चल ही राम नाम से रहा है। सूर्य, चन्द्रमा, अग्नि, वायु सभी में जो शक्ति है वो सब राम नाम की है। राम नाम तो अविनाशी है। दुनिया इधर से उधर हो जाए, सब कुछ बदल जाए पर यह राम नाम ज्यों का त्यों यूं ही सदा बना रहेगा। इस राम नाम की महिमा कभी भी कम नहीं होगी बल्कि दिन-प्रतिदिन इसकी महिमा बढ़ते ही जाएगी। सभी पापों का काटनहार है ये राम नाम। राम के दोनों अक्षर मधुर और सुन्दर हैं। राम राम कहने से मुंह में मिठास पैदा होती है। दोनों अक्षर वर्णमाल की दो आंखें हैं। राम के बिना वर्णमाला भी अधूरी है। जगत् मैं सूर्य उजाला करता है। चन्द्रमा चांदनी बिखेरता है परन्तु इन दोनों में भी ग्रहण लगता है, लेकिन राम नाम इन सबसे अलग है उसमे कभी कोई ग्रहण नहीं लगता है, ना ही वो चन्द्रमा की तरह घटता है, राम नाम लगातार बढ़ता ही रहता है। कहा भी गया है राम नाम एक ऐसी पूंजी जो जितनी खर्च होती है उतनी ही बढ़ती चली जाती है। नाम की सबसे बड़ी महिमा ये है की इसे कहीं पर भी कभी भी लिया जा सकता है। राम नाम ही मुक्ति का मार्ग है राम नाम की महिमा ही अपरंपार है। हमारी संस्कृति में तो राम नाम से ही अभिवादन करने की परंपरा भी चली आ रही है।