भारत में रहकर पीते हैं भूटान का पानी
- वीरपाड़ा के बांदापानी चाय बागान के चाइबासा इलाके की घटना कई बार शिकायत के बावजूद सुनव
- वीरपाड़ा के बांदापानी चाय बागान के चाइबासा इलाके की घटना, कई बार शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं
- बीडीओ ने जल्द ट्यूबवेल लगाने का दिया आश्वासन
- विधायक बोले-पीएचई के माध्यम से समस्या का हल किया जाएगा
संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: रहने हैं भारत में पीते हैं भूटान का पानी। कुछ यही हाल बांदापानी चाय बागान के निवासियों का है। वीरपाड़ा थाना के अंतर्गत बांदापानी चाय बागान के लोग भूटान का पानी पीकर ही जीवित हैं। भारतवासी होने के बाद भी मजबूरी में पड़ोसी देश भूटान से पीने का पानी लाना पड़ता है। सीमा मिंज, पूर्णिमा बिसअरा, सूरज गोप ऐसे ही लोग है जो फुटे हुए पाइप से पानी लेने को मजबूर हैं। गंदा पानी होने के बावजूद उन्हें यही पानी पीना पड़ता है।
डुवार्स के बांदापानी चाय बागान के चाइबासा लाइन मं जाकर देखा गया कि लोग फुटे हुए पाइप से पानी ले रहे थे। सीमा मिंज ने कहा कि भूटान पहाड़ के तीनधरिया से पाइप लाइन के माध्यम से पानी संग्रहित किया जाता है। बीच-बीच में हाथी पाइप तोड़ देता है। इस कारण लोगों को 3 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। अजय सुरी ने कहा कि जन्म से लेकर खाना खाने समेत सारा काम भारत में हुआ, लेकिन पानी भूटान का ही पीते हैं। वे लोग प्रतिदिन पाइप देखते हैं। टूटने पर अपने खर्च से ही मरम्मत कराते हैं। लोगों ने कहा कि पेयजल को लेकर प्रशासन व जन प्रतिनिधि से कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। केवल वोट ले जाते हैं लेकिन उनलोगों को शुद्ध पानी तक नहीं पिलाते हैं। इस बारे में बीडीओ मदारीहाट-वीरपाड़ा ब्लॉक के बीडीओ सारन तामांग ने कहा कि बांदापानी कम्युनिटी हॉल के सामने ट्यूबवेल लगाया जाएगा। साथ ही चाइबासा लाइन में बीएडीपी फंड से पानी की व्यवस्था की जाएगी। इस बारे में जब स्थानीय विधायक मनोज तिग्गा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विधानसभा में पानी की समस्या को लेकर का मुद्दा उठाया गया है। बांदापानी इलाके में पीएचई के माध्यम से ही समाधान किया जा सकता है। इस बारे में जल्द कोई आवश्यक कदम उठाया जाएगा।