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बिना किसी नोटिस के रामझोड़ा बागान छोड़कर चले गए मालिक

- केंद्रीय राज्यमंत्री जान बारला ने श्रमिकों से की बात समाधान का दिया आश्वासन संवाद सूत्र वीर

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 07:07 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 07:09 PM (IST)
बिना किसी नोटिस के रामझोड़ा बागान छोड़कर चले गए मालिक
बिना किसी नोटिस के रामझोड़ा बागान छोड़कर चले गए मालिक

- केंद्रीय राज्यमंत्री जान बारला ने श्रमिकों से की बात, समाधान का दिया आश्वासन संवाद सूत्र, वीरपाड़ा: बिना किसी नोटिस के ही रामझोड़ा चाय बागान प्रबंधन बागान छोड़कर चले गए। यह घटना शनिवार रात की है। फलस्वरूप अब श्रमिक व कर्मचारियों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। इस दिन राज्य के अतिरिक्त श्रम कमिश्नर मोहम्मद रिजवान ने कहा कि उन्हें किसी प्रकार की चिट्ठी नहीं मिली है। उक्त समस्या को लेकर जरूरी कदम उठाएंगे। इधर, रामझोड़ा चाय बागान की खबर पाकर रविवार को केंद्रीय राज्यमंत्री जान बारला और विधायक मनोज तिग्गा बागान पहुंचे। मंत्री ने बागान श्रमिकों से बात करके उनलोगों के साथ खड़े रहने का आश्वासन दिया है। बागान प्रबंधन श्रमिकों का पीएफ काटकर उनके खाते में जमा नहीं करवा रही है। ग्रैच्यूटी का पैसा भी बकाया है। श्रमिकों का घर नहीं बनाया जा रहा है। वह बागान संबंधित विषय को लेकर पीएफ कमिश्नर से बात करेंगे। जरूरत पड़ने पर मालिकों पर केस करेंगे। वहीं मदारीहाट के विधायक मनोज तिग्गा ने कहा कि इस प्रकार अचानक बागान छोड़कर जाना अन्याय है। इसे किसी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

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वहीं बागान सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एनआरइजीएस योजना के तहत काम करने के लिए बागान प्रबंधन से आवेदन किया गया था। इसे लेकर श्रमिक व श्रमिक संगठनों के साथ बागान प्रबंधन का मतभेद हुआ। श्रमिकों का सवाल था कि एनआरइजीएस योजना के चाय बागान में काम क्यों होगा। उक्त विवादों के कारण ही प्रबंधन बागान छोड़कर चले गए। लेकिन इसे लेकर किसी प्रकार की नोटिस नहीं दी गई है। तृणमूल चाय बागान श्रमिक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष मान्ना लाल जैन ने कहा कि बागान प्रबंधन की ओर से बागान बंद करने का कोई नोटिस नहीं दिया गया है। इसलिये विषय पर कुछ बोलना उचित नहीं होगा। वहीं डुवार्स चाय बागान टी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष गोपाल प्रधान ने कहा कि बीते 11 वषा्रें से रामझोड़ा चाय बागान की आर्थिक स्थिति खराब है। बागान खुलने के दौरान जो समझौता किया गया था, उसे नहीं माना जा रहा है। बागान में एनआरइजीएस योजना के तहत काम करने का कोई मतलब नहीं है ।


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