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कालबैशाखी के कारण डुआर्स में सैकड़ों चाय बागान नष्ट

संवादसूत्र नागराकाटा उत्तर बंगाल के अन्य जिलों की तरह जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में क

By JagranEdited By: Published: Fri, 09 Apr 2021 07:26 PM (IST)Updated: Fri, 09 Apr 2021 07:26 PM (IST)
कालबैशाखी के कारण डुआर्स में सैकड़ों चाय बागान नष्ट
कालबैशाखी के कारण डुआर्स में सैकड़ों चाय बागान नष्ट

संवादसूत्र, नागराकाटा : उत्तर बंगाल के अन्य जिलों की तरह जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा में कालबैशाखी ने भयंकर तबाही मचाई। वही कही बारिश के कारण लोगों में खुशी देखी गई। गुरूवार के बाद शुक्रवार को डुआर्स के चाय बागान में दो अलग अलग तस्वीर देखने को मिली। ओले व कालबैशाखी के कारण दलगांव व डिमडिमा चाय बागान को काफी नुकसान हुआ।

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चाय उद्योग जगत का कहना है कि केवल दलगांव में 450 हेक्टेयर जमीन पर अगले एक महीने में चाय बागान से कोई उत्पादन नहीं होगा। वही चाय शोध संस्था के उत्तर बंग आंचलिग व उन्नयन केंद्र एग्रोनमित विभाग के प्रधान डॉ सोमेन वैश्य ने कहा कि बारिश से चाय उद्योग को काफी नुकसान हुआ है। वही चाय के पत्ते झड़ जाने से बहुत से काम पीछे हो गया है। दो प्रकार की तस्वीर गुरूवार को डुआर्स के चाय बागान से देखने को मिली। सूत्रों के अनुसार 630 हेक्टयर चाय बागान में केवल ओले नहीं गिरे, बल्कि बागान के भीतर 250 बड़े बड़े पेड़ टूटकर गिर पड़े। वही फैक्ट्री के छत भी उड़कर चले गए। वही पानी में करीब दस हजार तैयार चाय नष्ट हो गए है। इसके साथ 20 श्रमिक आवास नष्ट हो गए है।

बागान के मैनेजर गजेन्द्र सिसोदिया ने कहा कि इस प्रकार की तबाही पहले देखने को नहीं मिली है। ओले गिरने से अगले एक महीने तक लाखों किलोग्राम चाय की पत्ती नहीं मिलेगी। इस कालबैशाखी के कारण कई करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसकी भरपाई कैसे होगी। यह समझ में नहीं आ रहा है।

इंडियन टी प्लांटर्स एसोसिएशन के डुआर्स शाखा के सचिव राम अवतार शर्मा ने कहा कि डिमडिमा चाय बागान रुग्न हालत में है। टी बोर्ड व सरकारी सहायता नहीं मिलने से इतने हुए नुकसान की भरपाई करना काफी मुश्किल है।


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