दोबारा पोस्टमार्टम किए जाने के आदेश को जिला अदालत ने किया खारिज
- गत आठ दिसंबर को मृत उलेन के फिर पोस्टमार्टम किए जाने का सीजेएम कोर्ट ने दिया था आदेश्
- गत आठ दिसंबर को मृत उलेन के फिर पोस्टमार्टम किए जाने का सीजेएम कोर्ट ने दिया था आदेश
- दस दिसंबर को सरकार की ओर से जिला अदालत में आदेश को रद करने के लिए किया था आवेदन
- परिवारवालों के चाहने पर मृतक उलेन राय के लिए हाईकोर्ट देंगे अर्जी : मृत परिजन के वकील
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी : 11 दिसंबर तक मृत उलेन राय के दोबारा पोस्टमार्टम कर रिपोर्ट दिए जाने को लेकर सीजीएम अदालत के आदेश को जलपाईगुड़ी जिला अदालत ने खारिज कर दिया। मृतक की दीदी शांतिवाला राय के आवेदन के आधार पर तीन दिनों के भीतर सुनवाई के बाद अदालत का यह फैसला आया है। शुक्रवार को सरकारी वकील सोमनाथ पाल ने कहा कि अगले तीन दिनों के भीतर दोनों पक्षों से सुनवाई करने का आदेश जिला अदालत की ओर से दिया गया है।
इधर इस दिन अदालत के फैसले से भाजपा के लीगल सेल नाराज है। सेल के वकील सौजित सिंह ने बताया कि परिवार के चाहने पर ही उच्च अदालत में याचिका दायर की जाएगी। कारण वर्तमान में शव को अब ज्यादा दिनों तक नहीं रखा जा सकता है। इन सब चीजों को विचार करके ही परिवार को आगे निर्णय लेना होगा कि अब क्या करना है। अब दूसरी ओर शव के पोस्टमार्टम किए जाने के मामले में कानूनी पेंच फंस गया है। सीजेएम अदालत के आदेश को खारिज करते हुए अगले तीन दिनों के भीतर आवेदनकारी व सरकार पक्ष को फिर से सुनवाई करने का आदेश दिया गया है।
गौरतलब है कि गत सात दिसंबर को उत्तर कन्या अभियान में पुलिस की गोली से राजगंज ब्लॉक के गाजोलडोबा के भाजपा कर्मी उलेन राय की मौत हो गई थी। मौत के बाद पुलिस ने हड़बड़ी में घटना के दिन ही मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया। इधर हड़बड़ी में रात के अंधेरे में उलेन राय का पोस्टमार्टम क्यों करवाया गया। यह प्रश्न उठाते हुए मृतक की दीदी सुनिती वाला ने जलपाईगुड़ी जिला अदालत के सीसीएम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। उसी आवेदन के आधार पर आठ दिसंबर को सीजेएम कोर्ट ने पुलिस को फिर से शव का पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया। उसके बाद दस दिसंबर को सरकार की ओर से जिला अदालत में आवेदन किया गया, घटना के दिन ही पोस्टमार्टम किया गया, उसके आधार पर सीजेएम कोर्ट के दिए गए आदेश के मुताबिक मृतक परिवार की याचिका को रद किया जाएं। शुक्रवार को काफी देर तक सुनवाई के बाद जिला अदालत ने पुन: शव का पोस्टमार्टम किए जाने के आवेदन को खारिज कर दिया।