साहित्यकार इंद्र बहादुर गुरुंग के निधन पर शोक सभा
संवाद सूत्रचामुर्चीडुआर्स नेपाली साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार कवि लेखक एवं सामाजिक सास्कृतिक क
संवाद सूत्र,चामुर्ची:डुआर्स नेपाली साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार कवि लेखक एवं सामाजिक, सास्कृतिक कार्यकर्ता स्वर्गीय इंद्र बहादुर गुरुंग के निधन पर बुधवार को डुआर्स नेपाली साहित्य विकास समिति की ओर से शोक सभा करते हुए स्वर्गीय कवि आई बी गुरुंग को श्रद्धाजलि दी गई। इस शोक सभा की अध्यक्षता डुआर्स नेपाली साहित्य विकास समिति के अध्यक्ष सितम मोक्तन ने की। इसके अलावा संस्था की ओर से सागर राई देवान, लक्पा शेरपा, अबीर खालिंग,आश बहादुर लिम्बु, ललित न्यासुर, दुर्गा चामलिंग, उमेश प्रधान सहित कई उपस्थित थे। शोक सभा का संचालन संस्था के महासचिव रबिन खवास ने किया।इस सभा में स्वर्गीय कवि इंद्र बहादुर गुरुंग के तस्वीर पर खादा एवं पुष्प अर्पण करते हुए उनके नेपाली साहित्य,संस्कृति एवं समाज के प्रति दिए गए योगदान को स्मरण किया गया। स्वर्गीय इंद्र बहादुर गुरुंग का जन्म 3 जुलाई 1948 में हुआ था। जबकि निधन इसी 8 अप्रैल 2020 को उनके निवास स्थान हेमेंटनगंज ट्रॉली लाइन में हुआ था। उन्होंने नेपाली साहित्य में कई कविता संग्रह, संस्मरण, कथा की रचना की है।चाय बागान के एक श्रमिक के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने अपने स्वाध्याय के बलबूते पर डुआर्स की नेपाली साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। उनकी लेखनी में समाज के पिछड़े वर्ग, श्रमिक की पीड़ा एवं वेदना को झलक देखने को मिलता है। डुआर्स नेपाली साहित्य विकास समिति के सचिव रबिन खवास ने बताया स्वर्गीय इंद्र बहादुर गुरुंग नेपाली साहित्य के बीच हमेशा याद किए जाएंगे ।नेपाली भाषा आदोलन में उनकी भूमिका सदैव हम सभी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनी रहेगी। स्वर्गीय आई बी गुरुंग के सहकर्मी ललित न्यासुर ने बताया साहित्य एवं संस्कृति के क्षेत्र में स्वर्गीय आईबी गुरुंग का योगदान आने वाली पीढ़ी के लिए हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। उनके योगदान को हम सभी कभी भी नहीं भूल पाएंगे।
कैप्शन : शोक सभा में शामिल साहित्यकार