भूमि अधिकारियों की मदद से असहाय अनाथ परिवार की छह बीघा जमीन में हेराफेरी
संवादसूत्र धुपगुड़ी भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से असहाय अनाथ परिवार की 6
संवादसूत्र, धुपगुड़ी : भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से असहाय अनाथ परिवार की 6 बीघा खेती योग्य भूमि को जब्त कर लिया गया है। धूपगुड़ी के मगरमारी इलाके में इस प्रकार की घटना को लेकर उत्तेजना देखा गया।
मालूम हो कि इलियास रब्बानी के पिता सफियार रहमान की मौत के बाद उनकी जमीन भूमि सुधार विभाग की मिलीभगत से बिना खाता बही में बताए मृतक के पिता के नाम पर अवैध रूप से दर्ज हो गई थी। वहा से जमीन का कुछ हिस्सा सफियार रहमान के अन्य तीन भाइयों के नाम कर दिया गया। हालाकि कागजों पर भूमि सुधार विभाग को किसी भी तरह से अधिसूचित नहीं किया गया है या जमीन को आधिकारिक तौर पर काट दिया गया है।
आरोप है कि बिना बताए उन्हें अंधेरे में रखकर उनकी सारी गतिविधियों को अंजाम दिया गया। जमीन के असली मालिक सफियार रहमान के बेटों का दावा है कि जमीन के मूल काम और कर्म सभी बंधे हुए हैं। अब्दुल कलाम, सहानुर इस्लाम, सफीउल इस्लाम ने चुपके से अपने दिवंगत पिता समसेर अली के नाम पर बड़े भाई सफियार रहमान की जगह उन्हें बिना बताए ले ली। आरोप है कि अब्दुल कलाम, सहानूर इस्लाम और सफीउल इस्लाम ने बाद में जमीन को अपने-अपने नाम कर लिया। सवाल यह उठता है कि कैसे सफियार रहमान की जगह कागज से काटकर अन्य तीन भाइयों को बिना देखे ही दे दी गई, जबकि उसके पास उसकी डीड बुक थी। दावा है कि भूमि सुधार विभाग की सहमति के बिना यह संभव नहीं है। कागजों पर लगभग 7 बीघे भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।
शुक्रवार को भू-राजस्व विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचने के बाद दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। जिसके बाद भू-राजस्व विभाग के अधिकारियों ने दोनों पक्षों को भू-राजस्व कार्यालय आने को कहा।
वही शिकायतकर्ता इलियास रब्बानी ने कहा कि मेरे चाचा ने मेरे पिता की खुद की जमीन खटियान नंबर 501 से काट दी, लेकिन कैसे उन्होंने दूसरे लोगों की जमीन काटकर अपने नाम कर ली। इसलिए हमने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुझे लगता है कि मेरे चाचा, भू-राजस्व विभाग के एक सहयोगी ने एक टेढ़ा रास्ता अपनाया और मेरे मृत पिता की जमीन से जमीन काट दी।
वही दूसरे एक अन्य शिकायतकर्ता शाहनूर इस्लाम ने कहा कि 2005 में सारी पुश्तैनी संपत्ति हमारे चार भाइयों के नाम पर बाट दी गई। फिर हमने खेती की और खूब खाया। लेकिन 2014 में मेरे दादाजी की मृत्यु के बाद, अब मेरे जागीरदार हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे समस्या हो रही है। वही
धूपगुड़ी भू-राजस्व विभाग के आरएंडडी कुलदीप सिंह ने बताया कि परिवार के वारिसों के मुताबिक जमीन को लेकर विवाद है।