बर्नपुर की दुकानों का आइएसपी प्रबंधन ने कम किया किराया
संवाद सहयोगी बर्नपुर लॉकडाउन को देखते हुए बर्नपुर बाजार सहित आइएसपी इलाके की समस्त लाइसेंस प्राप्त दुकानों के किराया में आइएसपी प्रबंधन ने 15 प्रतिशत की छूट देकर दुकानदारों को राहत दी है। जबकि
संवाद सहयोगी, बर्नपुर: लॉकडाउन को देखते हुए बर्नपुर बाजार सहित आइएसपी इलाके की समस्त लाइसेंस प्राप्त दुकानों के किराया में आइएसपी प्रबंधन ने 15 प्रतिशत की छूट देकर दुकानदारों को राहत दी है। जबकि बाजार के दुकानदारों को छूट देना रास नहीं आ रहा है। दुकानदारों का कहना है कि पुराने एग्रीमेंट वाले ही किराया को बरकरार रखा गया है, कुछ नया नहीं किया गया है।
बर्नपुर की डेली मार्केट, स्टेशन बाजार, अर्ली मार्केट, मिनी मार्केट नंबर एक और दो, नरसिंह बांध बाजार और छोटो दिघारी बाजार के कुल 2250 लाइसेंस प्राप्त दुकानों के किराया में आइएसपी नगर सेवा विभाग की ओर से 15 प्रतिशत की छूट दी गई है। प्रबंधन के अनुसार प्राइम लोकेशन दुकानों का किराया वर्ष 2014 के अनुसार 3 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर मासिक था, जिसे एक जून 2019 से बढ़ाकर 4.50 रुपये प्रति स्क्वायर मीटर कर दिया गया था, प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की बात थी। इसका विरोध दुकानदार कर रहे थे। जिसमें रियायत देते हुए 15 प्रतिशत की छूट देते हुए 10 जून 2020 से 4.05 रुपये प्रति स्क्वायर कर दिया गया है। इसके साथ ही पांच प्रतिशत सालाना बढ़ोत्तरी है। जबकि इसी तरह नन प्राइम लोकेशन में दुकानों का वर्ष 2014 में 2 दो रुपये स्क्वायर मीटर किराया था, 2019 में यह 3 रुपये हुआ अब यह 2.70 रुपया कर दिया गया। प्रबंधन की ओर से आइएसपी के ईडी अनूप कुमार ने कहाकि कोरोना को देखते हुए दुकानदारों का किराया में 15 प्रतिशत की छूट के साथ रियायत दी गई है। दुकानदारों की मांग को पूरा किया गया है। वही दूसरी ओर दुकानदारों की तरफ से बर्नपुर ज्वैलरी एसोसिएशन के अध्यक्ष काजल पाल ने कहा कि वर्ष 2019 जून के एग्रीमेंट में 35 प्रतिशत किराया बढ़ाने पर सहमति हुई थी, मगर बाद में इसे बिना कोई एग्रीमेंट के 50 प्रतिशत बढ़ा दिया गया था। इसके लिए सेल चेयरमैन, मंत्री एवं विधायक को भी इससे अवगत कराया गया था। अब अगर 35 प्रतिशत फिर से किराया किया गया है, तो इसमें कुछ नया नहीं हुआ है। हमलोगों की कोरोना से पहले की मांग को ही बरकरार रखा गया है। लेकिन फिर भी सालाना पांच प्रतिशत वृद्धि से दुकानदारों में नाराजगी है। अभी दुकानदारों के समक्ष समस्या है कि वह किराया और दुकान में काम करने वाले कर्मी को वेतन कैसे देंगे।