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लॉकडाउन में एसबीएसटीसी ने 2.5 लाख लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया

जागरण संवाददाता आसनसोल कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन काल में जब सड़कों पर सन्नाटा पसरा था और कोई वाहन नहीं चल रहा था। उस दौरान अपने घरों को लौटने को बेताब प्रवासी मजदूर हजारों-हजार किमी की दूरी पैदल ही तय कर रहे थे। उस दौर में राज्य में आने वाले प्रवास

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:08 PM (IST)
लॉकडाउन में एसबीएसटीसी ने 2.5 लाख  लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया
लॉकडाउन में एसबीएसटीसी ने 2.5 लाख लोगों को गंतव्य तक पहुंचाया

जागरण संवाददाता, आसनसोल: कोरोना महामारी को लेकर लॉकडाउन काल में जब सड़कों पर सन्नाटा पसरा था और कोई वाहन नहीं चल रहा था। उस दौरान अपने घरों को लौटने को बेताब प्रवासी मजदूर हजारों-हजार किमी की दूरी पैदल ही तय कर रहे थे। उस दौर में राज्य में आने वाले प्रवासी मजदूरों को सीमा से उनके गृह जिला पहुंचाने का इकलौता सहारा बनी साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की सरकारी बस। एसबीएसटीसी के प्रबंध निदेशक किरण कुमार गोदाला ने कहा कि 21 मार्च से लेकर 30 मई तक लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोग, चिकित्साकर्मी व ग्रीन जोन के लिए दक्षिण बंगाल में करीब 8021 बार बसों का परिचालन किया गया। इससे करीब ढाई लाख से अधिक लोगों को एक-जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया। इन सरकारी बसों से न केवल राज्य की सीमा से राज्य के निवासी प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जिला तक सुरक्षित पहुंचाने का कार्य किया गया बल्कि राज्य से दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों को भी उनके राज्य तक पहुंचाने का कार्य किया। इस कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोट कॉरपोरेशन से जुड़े बस कर्मियों ने। इसके लिए तकरीबन 300 सरकारी बसों को लगाया गया था जिन्होंने न केवल प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए लोगों को पहुंचाया बल्कि चिकित्सा कर्मियों को अस्पताल लाने-ले जाने के साथ ही ग्रीन जोन के लोगों को एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने का कार्य किया। लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोगों, चिकित्साकर्मियों व ग्रीन जोन के लिए परिचालन किया गया। बताया जाता है कि प्रवासी मजदूरों और फंसे हुए लोगों को पहुंचाने के लिए राज्य के एक से दूसरे जिला को कुल 5771 बसों का परिचालन किया गया। इसके माध्यम से 1,75,245 प्रवासी मजदूरों व फंसे हुए लोगों को उनके गृह जिला तक पहुंचाया गया। यहां तक कि राज्य के बाहर के प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए भी एसबीएसटीसी आगे आयी और 87 बसों के माध्यम से कुल 3482 प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचाया। सीमा पर बड़ी संख्या में फंसे दूसरे राज्य के प्रवासी मजदूरों को पहुंचाने के लिए एसबीएसटीसी आगे भी तैयार थी, लेकिन प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार गयी एक बस के कर्मियों से दु‌र्व्यवहार किये जाने के बाद बस कर्मियों ने सुरक्षा का हवाला देकर दूसरे राज्य में जाने से मना कर दिया। वहीं 1600 बसों के माध्यम से चिकित्सा सेवा से जुड़े कुल 49082 कोरोना योद्धाओं को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया। वहीं लॉकडाउन के दौरान ग्रीन जोन में कुल 563 बसें परिचालित हुई और इसके माध्यम से 17195 लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

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