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झारखंड के श्रमिकों की ट्रेन पर सवार बंगाल के मजदूर

जसीडीह गुजरात के सूरत व महाराष्ट्र के कल्याण से 4475 प्रवासी मजदूरों को लेकर पिछले 2

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 May 2020 06:18 PM (IST)Updated: Wed, 20 May 2020 06:18 AM (IST)
झारखंड के श्रमिकों की ट्रेन पर सवार बंगाल के मजदूर
झारखंड के श्रमिकों की ट्रेन पर सवार बंगाल के मजदूर

जसीडीह : गुजरात के सूरत व महाराष्ट्र के कल्याण से 4475 प्रवासी मजदूरों को लेकर पिछले 24 घंटे में तीन श्रमिक स्पेशल ट्रेन जसीडीह पहुंची। सोमवार की रात सूरत से एक ट्रेन 1606 मजदूरों को लेकर जसीडीह पहुंची। ये ट्रेन अपने निर्धारित समय से 12:30 घंटे की देरी पर सुबह 8:30 बजे की जगह रात करीब नौ बजे यहां आई। वहीं सोमवार को कल्याण से 1402 मजदूरों को लेकर ट्रेन करीब तीन घंटे विलंब से चलते हुए सुबह सात बजे जसीडीह पहुंची। जबकि शाम चार बजे सूरत से एक और श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1467 मजदूरों को लेकर निर्धारित समय से करीब 3:30 घंटे की विलंब से जसीडीह आई। महाराष्ट्र से जो ट्रेन पहुंची उसमें झारखंड के अलावा पं. बंगाल के मुर्सीदाबाद जिले के 13 मजदूर भी शामिल थे। इन मजदूरों का के बारे में न तो रेलवे न ही जिला प्रशासन को कोई सूचना थी। इन मजदूरों को कैसे उनके घर तक भेजा जाए ये प्रशासन के लिए बड़ी समस्या बन गई। काफी देर बाद किसी तरह एक वाहन का इंतजाम कर इन मजदूरों को जसीडीह स्टेशन से रवाना किया गया। जो ट्रेनें यहां आ रही हैं उनमें सिर्फ झारखंड के ही मजदूरों को आना है। ऐसे में बंगाल के मजदूर कैसे आ गए ये जांच का विषय है। इस बारे में पूछने पर पहले तो ये मजदूर चुप रहे। लेकिन बाद में नाम, पता न बताने की शर्त पर एक मजदूर ने बताया कि उन्हें दलाल के माध्यम से टिकट मिला है। पहले भी दलालों के माध्यम से मजदूरों को टिकट उपलब्ध कराए जाने की शिकायत मिली है। इतना ही नहीं जिला प्रशासन व रेलवे को जो मजदूरों की लिस्ट उपलब्ध कराई जा रही है उसमें भी लगातार अंतर मिल रहा है। इन कारण भी ये तय कर पाना आसान नहीं हो रहा है कि आखिर कितने मजदूर हकीकत में आ रहे हैं। वहीं मजदूरों के जसीडीह पहुंचने पर पदाधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया। सभी का स्वास्थ्य जांच करने के पश्चात उन्हें खाने का पैकेट व पानी की बोतल दी गई। इसके बाद इन मजदूरों को उनके गृह जिले के वाहन से रवाना कर दिया गया। उन्हें ले जाने के लिए गृह जिले के दंडाधिकारी व पुलिस कर्मी भी जसीडीह पहुंचे थे। गाड़ी की कमी के कारण घंटों इंतजार करते रहे मजदूर सुबह कल्याण से जो ट्रेन जसीडीह पहुंची उसमें से अन्य जिलों के मजदूरों के साथ धनबाद, जामताड़ा व पाकुड के भी मजदूर शामिल थे। इन मजदूरों को ले जाने के लिए जो वाहन संबंधित जिलों से भेजा गया था वह पर्याप्त नहीं था। इस कारण जो मजदूर बच गए उन्हें काफी देर तक जसीडीह स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ा। शाम को सूरत से जो ट्रेन आई उससे इन मजदूरों को गृह जिला के लिए रवाना किया गया। तीन ट्रेन से आए संताल के 613 मजदूर सूरत व कल्याण श्रमिकों को लेकर जो ट्रेन जसीडीह पहुंची उनमें संताल परगना के 613 मजदूर शामिल थे। रविवार रात सूरत से आई ट्रेन पर देवघर के 21 व जामताड़ा के तीन मजदूर सवार थे। वहीं सोमवार सुबह कल्याण से आई ट्रेन से दुमका के 175, देवघर के तीन, पाकुड के सात, गोड्डा के 224, जामताड़ा के आठ व साहेबगंज के 10 मजदूर यहां पहुंचे। इसके अलावा शाम को सूरत से आई दूसरी ट्रेन पर जामताड़ा के 57, देवघर के 47, गोड्डा के 43, दुमका के 10 व साहेबगंज के पांच मजदूर सवार थे।

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