बच्चे के चेहरे पर पूजा के दौरान प्रदान की खुशी
जागरण संवाददाता दुर्गापुर दुर्गापूजा यानि बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार। जहां हर कोई आनंद
जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : दुर्गापूजा यानि बंगाल का सबसे बड़ा त्योहार। जहां हर कोई आनंद में डूबा रहता है। समाज का हर सक्षम व्यक्ति अपने परिवार एवं बच्चों के लिए नए वस्त्र लेता है, ताकि वे लोग पूजा का आनंद ले। लेकिन समाज में ऐसे भी दर्जनों परिवार है, जो आर्थिक विवशता के कारण बच्चों को चाह कर भी नया वस्त्र नहीं दे पाते है। जिससे उन गरीब बच्चों के चेहरे पर मायूसी रहती है। लेकिन दुर्गापुर शहर से दूर गांवों में ऐसे गरीब बच्चों को दुर्गापूजा के मौके पर नया वस्त्र देकर खुशी देने की कोशिश कर्तव्य फाउंडेशन ने की है। कर्तव्य फाउंडेशन ने सामाजिक दायित्वों को निभाते हुए दुर्गापूजा के मौके पर एक सौ परिवार को वस्त्र प्रदान किया है। जिसमें मुख्य भूमिका अध्यक्ष मिता महतो ने निभाई।
मिता कहती हैं कि कोरोना महामारी ने मनुष्य के जीवन से बहुत कुछ छीन लिया है। कइयों के प्रियजन छोड़कर चले गए। लोगों की आय प्रभावित हुई है। छोटे-छोटे बच्चों को ज्यादा जानकारी नहीं रहती। स्वजन से नया वस्त्र मिलने की उम्मीद रहती है, लेकिन मजबूर स्वजन उन बच्चों का स्वपन पूरा नहीं कर सकते एवं उनमें मायूसी छा जाती है। ऐसे बच्चों की मायूसी दूर करने एवं चेहरे पर खुशी देने के लिए कर्तव्य ने दायित्व निभाया है। ताकि वे बच्चे भी आनंद कर सके। चतुर्थी के दिन से गरीब बच्चों में वस्त्र देने का कार्य शुरु किया। जिसके तहत एक सौ बच्चों, महिलाओं को नया कपड़ा प्रदान किया गया। यहां तक की खाने का पैकेट भी दिया गया। पंचमी के दिन पलासडीहा कुष्ठ कालोनी के 30 बच्चों को वस्त्र दिया गया। षष्ठी के दिन मर्यकंडा गांव के 36 परिवार में वस्त्र एवं खाने का पैकेट दिया गया। सप्तमी को जेमुआ गांव के 100 गरीब परिवार के बच्चों एवं महिलाओं में वस्त्र प्रदान किया गया।