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किसानों के समर्थन में निकली 'जन आवाज' यात्रा

-अपने ट्रैक्टर व पुआल के बोझा के साथ दार्जिलिंग जिला के किसानों ने भी लिया भाग -युवा कां

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 08:41 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 08:41 PM (IST)
किसानों के समर्थन में निकली 'जन आवाज' यात्रा
किसानों के समर्थन में निकली 'जन आवाज' यात्रा

-अपने ट्रैक्टर व पुआल के बोझा के साथ दार्जिलिंग जिला के किसानों ने भी लिया भाग

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-युवा कांग्रेस व सेवा दल ने की नए कृषि विधेयकों को अविलंब वापस लिए जाने की मांग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : नए कृषि विधेयकों को अविलंब वापस लिए जाने की मांग को लेकर एवं दिल्ली-हरियाणा सीमांत पर जारी किसानों के आंदोलन के समर्थन में युवा कांग्रेस व सेवा दल की दार्जिलिंग जिला कमेटी की ओर से बुधवार को शहर में अभिनव रूप में 'जन आवाज' यात्रा निकाली गई। इसमें अपने ट्रैक्टर व पुआल के बोझे के साथ-साथ किसानों ने भी भाग लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए केंद्र की भाजपा नीत मोदी सरकार को जम कर कोसा। ऊपरोक्त मांग पर अविलंब अमल नहीं होने पर युवा कांग्रेस व सेवा दल ने और जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है।

इस अवसर पर दार्जिलिंग जिला कांग्रेस अध्यक्ष शंकर मालाकार ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि हमारे देश भर के अन्नदाता देश की राजधानी दिल्ली की सीमा पर लगभग-लगभग एक महीने से आंदोलनरत है और मोदी सरकार कान में तेल डाल कर सोई हुई है। प्रधानमंत्री को पूंजीपतियों के पारिवारिक अवसरों में जा कर सम्मिलित होने के लिए फुर्सत ही फुर्सत है लेकिन हमारे देश भर का पेट पाल कर देश को जीवन देने वाले अन्नदाताओं से बात करने के लिए फुर्सत ही नहीं है। वास्तव में केंद्र की मोदी सरकार आम गरीबों, किसानों, मजदूरों की नहीं बल्कि बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार है। आंदोलन कर रहे किसानों से पीएम बात तक करने को तैयार नहीं है और उन्हें देशद्रोही आदि तक कह कर उन पर लाठियां बरसवाते हैं। वहीं, पूंजीपतियों के साथ गलबहियां कर उन्हें एक से एक पकवान खिलाते हैं। एक-एक कर देश के सारे सार्वजनिक उपक्रमों को भी वह अपने करीबी पूंजीपतियों के हवाले कर दे रहे हैं। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि नए कृषि विधेयकों में मोदी सरकार ने किसानों की फसलों के विक्रय के न्यूनतम समर्थन मूल्य की अनिवार्यता के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। वहीं, अनाज, दलहन व तिलहन आदि को अतिआवश्यक सामग्री की सूची से हटा दिया गया है। ये सब पूंजीपतियों के ही हित में है। ये नए कानून काले कानून हैं। इससे जमाखोरी व कालाबाजारी बढ़ेगी। किसान अपनी फसलों को पूंजीपतियों के हाथों औने-पौने दामों में बेचने को मजबूर होंगे। इसीलिए हमारी मांग है कि ऐसे काले कानूनों को अविलंब समाप्त किया जाए। इस मांग पर अविलंब अमल नहीं होने पर उन्होंने जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी है। इस दिन विरोध प्रदर्शन में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य मोहन शर्मा, दार्जिलिंग जिला युवा कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रोहित तिवारी व अन्य कई सम्मिलित रहे।


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