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एयरपोर्ट पर उतरा द्वितीय विश्व युद्ध का ब्रिटिश विमान, विश्व भ्रमण पर निकला विमान 25 देशों से होते हुए गुजरेगा

तेल भरने के बाद नागपुर के लिए भरी उड़ान वहां से जाएगा राजस्थान विश्व भ्रमण पर निकला विमान 27 हजार माइल उड़ान भर कर 25 देशों से होते हुए गुजरेगा।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 06 Nov 2019 03:41 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 03:41 PM (IST)
एयरपोर्ट पर उतरा द्वितीय विश्व युद्ध का ब्रिटिश विमान, विश्व भ्रमण पर निकला विमान 25 देशों से होते हुए गुजरेगा
एयरपोर्ट पर उतरा द्वितीय विश्व युद्ध का ब्रिटिश विमान, विश्व भ्रमण पर निकला विमान 25 देशों से होते हुए गुजरेगा

कोलकाता, जागरण संवाददाता। नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय (एनएससीबीआइ) हवाई अड्डे पर सोमवार की रात द्वितीय विश्व युद्ध का सिल्वर स्पिडफायर नामक ब्रिटिश लड़ाकू विमान ईंधन भरने के लिए उतरा। वहीं तेल भरने के बाद रातभर खड़ा रहा और मंगलवार की सुबह नागपुर के लिए रवाना हो गया। उक्त विमान विश्व भ्रमण पर निकला हुआ है।

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ब्रिटिश विमान के पायलट मैथ्यू ऐलेन जोन्स ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान केवल ब्रिटिश ही नहीं, कई भारतीय भी युद्ध विमान को उड़ाते थे। पायलट ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लेने और विमान उड़ाने वाले भारतीय पायलटों की खोज में वह मंगलवार को राजस्थान भी जाएंगे। वहीं भारतीय वायुसेना के अधिकारियों के साथ उनकी बैठक होनी है।

ब्रिटिश पायलट जोन्स की मानें तो वे लोग 25 देशों से गुजरते हुए करीब 27 हजार माइल की उड़ान भरेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि एक बार टैंक फूल करने के बाद लगातार 300 किलोमीटर तक उड़ान भर सकते है। इसके बाद ईंधन के लिए विभिन्न देशों के शहरों में उतरना पड़ता है। यही कारण है कि ईंधन भरने के लिए इस बार कोलकाता एयरपोर्ट पर उतरे थे। पायलट ने बताया कि भारत के बाद वह पाकिस्तान भी जाएगा। वहां से कुछ पश्चिमी देश होते हुए क्रिसमस से पहले अपने घर लौट जाएगा।

अगस्त में विश्व भ्रमण के लिए इंग्लैंड से भरी उड़ान

द्वितीय विश्व युद्ध का ब्रिटिश विमान विश्व भ्रमण के लिए अगस्त में ब्रिटेन से रवाना हुआ था। विमान में पायलट के रूप में मैथ्यू जोन्स के अलावा स्टीव ब्रुक्स भी सवार हैं। इनके अलावा एक इंजीनियर और विश्व भ्रमण के मार्ग का नक्शा बताने वाले पांच अन्य सदस्य भी सवार हैं। पालयट की मानें तो 1945 में समाप्त हुए द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस्तेमाल एक सीट वाले विमान को विश्व भ्रमण पर ले जाने से पहले बारीकी से जांच-पड़ताल की गई थी। करीब दो वर्ष तक जांच के दौरान विमान में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया। कई यंत्र बदले गए। सीट की संख्या भी बढ़ाई गई। उसका नामकरण कर ‘सिल्वर स्पीडफायर’ रखा गया।

कोलकाता से है पुराना रिश्ता

इतिहास के पन्नों को खंगालने से पता चला कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश सेना ने इसका इस्तेमाल किया था। तब यह कोलकाता से नियमित उड़ान भी भरता था। तब रेड रोड को रन वे के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। यह बैरकपुर के आसपास के इलाकों से भी उड़ान भरता था।


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