रमजान के पवित्र महीने को लेकर उत्साहित महिलाएं
जागरण संवाददाता सिलीगुड़ी रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय की महिल
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय की महिलाएं बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि इस पवित्र महीने में खर्च बढ़ जाता है। इसलिए कई महीने पहले से ही एक-एक पैसा जोड़ना शुरू कर देती हैं,ताकि समय पर सही तरीके से खर्च कर सकें। बचत शुरू कर दी जाती है। ईद के मौके पर ंपरिवार के सभी सदस्यों के लिए नये-नये कपड़े खरीदने हैं। घर को भी सजाने के लिए सामग्री खरीदनी है। इन सबको ध्यान में रखकर बचत की गई है। इस महीने में जहां रोजा रखने का अवसर मिलता है,वहीं अन्न और जल की अहमियत का पता चलता है। इसलिए इनकी बचत करने की सीख मिलती है। इसके साथ ही किसी जरूरतमंद की सहायता करने की सीख मिलती है। इस महीने में यही सिखाया जाता है कि अपने आसपास के लोगों की जरूरत का भी ख्याल रखे। हमेशा उनके साथ खड़े रहें। इसी कड़ी के तहत इस समय बहुत ही आस्था के साथ इस महीने का पालन किया जा रहा है। प्रतिदिन रोजा रख रहे हैं। अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में इबादत करने का कई गुणा अधिक फल मिलता है। इसलिए बहुत ही पवित्र भाव के साथ इबादत कर रहे हैं।
---------- जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : रमजान का पवित्र महीना चल रहा है। ऐसे में मुस्लिम समुदाय की महिलाएं बेहद उत्साहित नजर आ रही हैं। उनका कहना है कि इस पवित्र महीने में खर्च बढ़ जाता है। इसलिए कई महीने पहले से ही एक-एक पैसा जोड़ना शुरू कर देती हैं,ताकि समय पर सही तरीके से खर्च कर सकें। बचत शुरू कर दी जाती है। ईद के मौके पर ंपरिवार के सभी सदस्यों के लिए नये-नये कपड़े खरीदने हैं। घर को भी सजाने के लिए सामग्री खरीदनी है। इन सबको ध्यान में रखकर बचत की गई है। इस महीने में जहां रोजा रखने का अवसर मिलता है,वहीं अन्न और जल की अहमियत का पता चलता है। इसलिए इनकी बचत करने की सीख मिलती है। इसके साथ ही किसी जरूरतमंद की सहायता करने की सीख मिलती है। इस महीने में यही सिखाया जाता है कि अपने आसपास के लोगों की जरूरत का भी ख्याल रखे। हमेशा उनके साथ खड़े रहें। इसी कड़ी के तहत इस समय बहुत ही आस्था के साथ इस महीने का पालन किया जा रहा है। प्रतिदिन रोजा रख रहे हैं। अल्लाह की इबादत कर रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में इबादत करने का कई गुणा अधिक फल मिलता है। इसलिए बहुत ही पवित्र भाव के साथ इबादत कर रहे हैं।