बिहार आबकारी की टीम ने खोरीबाड़ी में बोला धावा
-दो कुख्यात शराब तस्करों की हुई गिरफ्तारी -काफी मात्रा में शराब के साथ एक पिकअप वैन भी
-दो कुख्यात शराब तस्करों की हुई गिरफ्तारी
-काफी मात्रा में शराब के साथ एक पिकअप वैन भी जब्त
-किशनगंज कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने रिमांड पर लिया
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : शराब तस्करी के आरोप में खोरीबाड़ी के दो लोग बिहार आबकारी विभाग के हत्थे चढ़े हैं। उनका नाम मिहीलाल बसाक और अपूर्व मंडल बताया गया है। दोनों को सोमवार पड़ोसी राज्य बिहार के किशनगंज अदालत में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पड़ोसी राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिर से शराब के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। वे अपने हर कार्यक्रम में दहेज प्रथा और शराब बंदी को कारगर बनाने का पाठ जनता के साथ प्रशासनिक आलाओं को सिखा रहे हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बिहार पुलिस और आबकारी विभाग ने अंतरराज्यीय सीमावर्ती इलाके में मुस्तैदी बढ़ा दी है। इसी कड़ी में गुप्त सूचना के आधार पर किशनगंज जिला आबकारी विभाग की एक टीम घात लगाए बैठी थी। बीते रविवार की शाम खोरीबाड़ी से विदेशी शराब की बोतलों से लदी एक पिकअप वैन बिहार के लिए रवाना हुई। पुलिस सूत्रों की माने तो सिलीगुड़ी से शराब लादकर पिकअप बिहार के सुपौल जिला अंतर्गत सिमराही के लिए रवाना हुई थी। अपने गंतब्य तक पहुंचने के लिए मादक तस्करों ने किशनगंज-बहादुरगंज सड़क को चुना। जबकि मोहमारी गांव के नजदीक सड़क पर आबकारी विभाग की टीम पहले से ही घात लगाए बैठी थी। पुलिस ने पिकअप वैन को रोककर तलाशी शुरु की। शराब को भूसी की बोरियों के पीछे छिपाकर रखा गया था। वैन से कुल 109 कार्टून बरामद हुआ। जिसमें से 973 लीटर शराब बरामद हुई। किशनगंज आबकारी विभाग ने शराब समेत पिकअप को जब्त करने के साथ सवार खोरीबाड़ी के दोनों लोगों को गिरफ्तार किया।
सूत्रों की माने तो बिहार में शराबबंदी के बाद से सटे राज्यों की सीमावर्ती इलाकों से शराब की तस्करी काफी बढ़ गई। इसी क्रम में सिलीगुड़ी, फूलबाड़ी, नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी और फांसीदेवा इलाकों से भी बिहार को शराब की तस्करी की जाने लगी। बल्कि नक्सलबाड़ी, खोरीबाड़ी और फांसीदेवा में अवैध तरीके से देशी और विदेशी शराब बनाने का कारखाना भी जम गई। परिवहन खर्च के साथ सिलीगुड़ी व आस-पास से शराब तस्करी में भारी मुनाफा देखकर दोनों राज्यों के तस्करों के बीच सांठ-गांठ हो गई। बल्कि तस्करों ने भारी मुनाफा भी कमाया। इसी बीच कोरोना ने पांव पसारा और व्यापार जगत औंधे मुंह गिरा। लेकिन शराब के साथ अन्य नशे का व्यापार परवान चढ़ा। बीते वर्ष बंगाल राज्य सरकार ने शराब की कीमत करीब तीस प्रतिशत बढ़ा दिया। सूत्रों के मुताबिक बंगाल में शराब की कीमत बढ़ते ही बिहार के तस्कर मणिपुर से धंधा शुरु कर दिया। मणिपुर की शराब सिलीगुड़ी चिकन नेक के रास्ते बिहार पहुंचने लगी। उस दौर में सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस के साथ दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार जिला पुलिस के साथ बिहार की पुलिस ने भी शराब से लदी सैंकड़ो ट्रक जब्त किए होंगे। पुलिस को चकमा देने के लिए रूट बदल कर इस्टर्न बाइपास से होकर माटीगाड़ा जाने के क्रम में चंपासारी मोड़ से एक ट्रक को प्रधान नगर थाना पुलिस ने जब्त किया था। जिसमें मणिपुर की शराब लदी थी। हालांकि शराब की कीमत बढ़ाने के कुछ महीनों बाद ही बंगाल सरकार ने शराब की कीमत को पुराने पैमाने पर लाकर खड़ा कर दिया। बंगाल में फिर से शराब की कीमत घटते ही तस्करों का हुजुम उमड़ पड़ा है।