lockdown 5.0 West Bengal: बंगाल में खुले धार्मिक स्थल, कोलकाता में कालीघाट मंदिर के कपाट आज बंद
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में एक जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने का ऐलान किया था। बंगाल में आज से खुले सभी धार्मिक स्थल।
कोलकाता, पश्चिम बंगाल सरकार ने सभी धार्मिक स्थानों को आज से खोलने की अनुमति दी है। कोलकाता के प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें सुरक्षा निर्देशों का पालन करने और स्वच्छता की व्यवस्था करने के लिए कुछ समय की आवश्यकता होगी। कोलकाता में कालीघाट मंदिर के कपाट बंद रहने के कारण भक्त बाहर से प्रार्थना कर रहैं हैं।
वहीं, बेलूर मठ (रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन) के एक प्रवक्ता ने कहा, "मंदिर परिसर को 15-20 दिनों से पहले नहीं खोला जा सकता है। हम सभी सावधानी बरतने और स्थिति का आकलन करने के बाद अगले चरण के बारे में फैसला करेंगे।" उधर, बीरभूम जिले में स्थित सदियों पुराने काली मंदिर और शक्ति पीठ तारापीठ मंदिर समिति के सदस्य तारानाथ मुखोपाध्याय ने कहा, "हम 14 जून को स्थिति का आकलन करेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे।"
बंगाल में आज से खुले धार्मिक स्थल
गंगा दशहरा पर गंगा घाट आज गंगा दशहरा के अवसर पर सुनसान है, यहां कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए भक्तों का जमावड़ा प्रतिबंधित है। राज्य में सरकार ने 8 जून से धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की अनुमति दी है। पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा सभी धार्मिक स्थलों को आज से खोलने की अनुमति दिए जाने के बाद सिलीगुड़ी के एक मंदिर में लोग प्रार्थना करने के लिए पहुंच रहे हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में एक जून से धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति देने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री के इस ऐलान के बावजूद भी धर्मगुरुओं के बीच धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर कंफ्यूजन सा बना हुआ है। बंगाल के इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया ने इस आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तक इस बारे में हमारे पास कोई ज्यादा जानकारी नहीं है। मीडिया से बात करते हुए मोहम्मद याहिया ने कहा, 'एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मुख्यमंत्री महोदया ने घोषणा की थी कि 1 जून से सभी धार्मिक स्थानों को खोला जाएगा। हमारे पास इस पर विस्तृत स्पष्टीकरण नहीं है, इसलिए हम कोई स्पष्ट निर्णय लेने में असमर्थ हैं।'
मस्जिदें न भी खुले तो कोई नुकसान नहीं
मोहम्मद याहिया ने मस्जिद नहीं खोलने का सुझाव देते हुए कहा, 'यह हमारा सुझाव है कि हमें उसी तरह प्रार्थना करते रहनी चाहिए जैसे हम कर रहे हैं क्योंकि हालात अभी विकट हैं। हम मस्जिद समितियों और इमामों से भी अपील करते हैं कि वे मस्जिदों के दरवाजे तुरंत न खोलें। यदि मस्जिदें एक महीने तक नहीं खुलती हैं, तो इससे कोई नुकसान नहीं होगा।'
बंगाल इमाम एसोसिएशन ने भी एक बयान में कहा कि उसने 26,000 मस्जिद समितियों को तब तक इंतजार करने के लिए कहा है जब तक कि किसी धार्मिक संस्थान में दस लोगों को अनुमति देने के मुख्यमंत्री के बयान पर स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाए। निकाय के अध्यक्ष मोहम्मद याहिया के हस्ताक्षर वाले बयान में कहा गया है कि तीन-चार लोगों के साथ मस्जिदों में नमाज़ जारी रहेगी। हमें कुछ और समय तक स्थिति पर गौर करने की ज़रूरत है। नमाज़ रोकने का हमारा कोई इरादा नहीं है।