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केंद्र की नई प्रणाली को लागू करने को बंगाल सरकार भी तैयार, पंचायतों के खर्च का रखा जा सकेगा ब्योरा

पंचायतों के खर्च पर निगरानी के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की है ऑनलाइन प्रणाली इस तकनीकी से दिल्ली में बैठकर खर्च का रखा जा सकेगा ब्योरा

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 07:50 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 07:50 PM (IST)
केंद्र की नई प्रणाली को लागू करने को बंगाल सरकार भी तैयार, पंचायतों के खर्च का रखा जा सकेगा ब्योरा
केंद्र की नई प्रणाली को लागू करने को बंगाल सरकार भी तैयार, पंचायतों के खर्च का रखा जा सकेगा ब्योरा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र की ज्यादातर योजनाओं को राज्य में लागू नहीं करने के लिए सुर्खियों में रहने वाली पश्चिम बंगाल सरकार भी अब पंचायतों के खर्च पर निगरानी के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन प्रणाली को लागू करने के लिए तैयार हो गई है। इस नई प्रणाली में केंद्र सरकार के अधिकारी यह जान सकेंगे कि किस पंचायत ने किस सेक्टर में कितना पैसा खर्च किया है, किस खाते में कितना पैसा जमा किया है। यह सब दिल्ली में बैठकर ही अधिकारी निगरानी कऱ सकेंगे।

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दिल्ली के निर्देश के अनुसार, ग्राम पंचायत की सभी गतिविधियों और खर्चों को केंद्रीय वित्त आयोग के धन के बारे में प्रिया सॉफ्ट और पीएफएमएस प्रणाली में अपलोड करना होगा। इसी माध्यम से पंचायत  को ऑनलाइन भुगतान करना होगा। अन्यथा पंचायतों को पंद्रहवें वित्त आयोग का पैसा नहीं मिलेगा। हालांकि, राज्य के पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था बंगाल में लंबे समय से है। इसीलिए जीपीएमएस (ग्राम पंचायत प्रबंधन प्रणाली) और जीपीआइएमएस(ग्राम पंचायत एकीकृत निगरानी प्रणाली) नामक दो अलग-अलग ऑनलाइन प्रणालियां हैं। इसके माध्यम से पंचायत की आय और व्यय का लेखा-जोखा और जियो-टैगिंग सहित विभिन्न गतिविधियां दर्ज की गई। इसके बावजूद, 15 वें वित्त आयोग के पैसे खर्च करने के मामले में राज्य के अधिकारियों ने पीएफएमएस प्रणाली शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।


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