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West Bengal: Kolkata में कश्मीर से ताबूत में बंद होकर नदिया पहुंचा जवान का शव

Jammu and kashmir में सेना के जवान परितोष मंडल का शव नदिया स्थित घर पहुंचा बारिश के कारण आइ बाढ़ में डूबने से हुई थी मौत पूरे सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 12:55 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 12:55 PM (IST)
West Bengal: Kolkata में कश्मीर से ताबूत में बंद होकर नदिया पहुंचा जवान का शव
West Bengal: Kolkata में कश्मीर से ताबूत में बंद होकर नदिया पहुंचा जवान का शव

कोलकाता, जागरण संवाददाता। Jammu and kashmir के आरनिया सेक्टर में प्राकृतिक आपदा के चलते हुई सेना के जवान परितोष मंडल का शव नदिया जिले के पलाशीपाड़ा अंतर्गत रूद्रनगर स्थित घर पहुंचा। शव देख पूरा गांव शोक में डूब गया। परिजनों-रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल था। उनके दुख-दर्द देख स्थानीय लोगों की आंखें भी नम हो गई।

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मालूम हो कि साल 1985 में परितोष सेना में भर्ती हुए थे और साल 2022 में रिटायमेंट होने था। वह कालीपूजा में घर आने वाले थे, उससे पहले ताबूत में बंद शव घर पहुंचा। उधर, मृत जवान के शव का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे।

हालांकि शव गुरुवार को ही सियालदह पहुंचा था। वहां से इस दिन तड़के शव पूरे सम्मान के साथ रूद्रनगर स्थित घर पहुंचाया गया। उधर, जवान के मौत की खबर पाकर कृष्णानगर की सांसद महुआ मैत्र और पलाशीपाड़ा के विधायक तापस साहा मृत जवान परितोष के घर पहुंच गए थे और दुख की घड़ी में परिजनों के पास रहने का आश्वासन दिया और परिजनों को ढांढस बंधाया था।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को ही सेना की ओर से फोन कर परिजनों को परिषोत की मौत की सूचना दी गई थी। कश्मीर से सटे पाकिस्तानी सीमा से बीते दिनों परितोष का शव एक नाले से बरामद हुआ था। बताया गया कि परितोष भारत-पाक सीमा पर ड्यूटी पर तैनात थे। वे एक नाले में बने बंकर में ड्यूटी कर रहे थे। पर शनिवार को हुई मूसलाधार बारिश के चलते नाले में बाढ़ आ गई और उसी में डूबने से परितोष की मौत हो गई। बाद में पाकिस्तान की ओर से शव भारत को सौंप दिया गया। हालांकि मौत से पहले बेटे के साथ परितोष की बात हुई थी।

मौत से पहले हुई थी बेटे से बात

जम्मू-कश्मीर के आरनिया सेक्टर में तैनात 36 बटालियन के जवान परितोष की मौत से पहले बेटे से बात हुई थी। बेटे प्रीतम ने रोते हुए कहा, पापा 26 अक्टूबर को घर आने वाले थे। उन्होंने हवाई जहाज का टिकट भी देखने को कहा था। पर जब उसने टिकट की पूरी जानकारी लेकर पिता को बताना चाहा, तो उनसे बात ही नहीं हो सकी। बताया कि जब भी समय मिला पापा घर फोन करते और उससे बात करते थे। मेरी वह पढ़ाई-लिखाई के बारे में ज्यादा पूछताछ करते और सलाह देते थे।

पति की मौत से पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल

पति की मौत की खबर मिलने के बाद से ही पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। चिकित्सकों की सलाह पर उन्हें नींद की गोलियां देकर सुलाया गया है। मां की देखभाल के लिए विवाहित बेटी प्रिया भी पहुंच गई थी। 


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