West Bengal: जलपाईगुड़ी में ऑइल टैंकर में लगी आग, ड्राइवर घायल
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के बंधुनगर में एक ऑइल टैंकर में आग लग गई इस हादसे में ड्राइवर घायल हो गया है। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दमकल का 4 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई है।
जलपाईगुड़ी, एएनआई। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के बंधुनगर में एक ऑइल टैंकर में आग लग गई इस हादसे में ड्राइवर घायल हो गया है। वहीं आग पर काबू पाने के लिए दमकल का 4 गाड़ियां मौके पर पहुंच गई है।
सिलीगुड़ी-जलपाईगुड़ी सड़क बंद
न्यू जलपाईगुड़ी थाना क्षेत्र के बंधुनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर गुरुवार को ऑयल टैंकर और बालू लदे डंपर में आमने सामने टक्कर हो गई। उसके बाद दोनों वाहन आग के गोले में तब्दील हो गए। देखते ही देखते दोनों गाड़ियां धू-धू कर जलने लगी। इसमें तेल टैंकर का चालक व खलासी घायल हुआ है। टैंकर के तेल में लगी आग के कारण घंटों सिलीगुड़ी-जलपाइगुड़ी मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद रही। दमकल के द्वारा जब आग पर काबू पाया गया तो आवागमन प्रारंभ किया गया।
घटना के संबंध में एनजेपी थाना प्रभारी अनिवार्ण भट्टाचार्य ने बताया कि एनजेपी आइओसी से तेल भर कर टैंकर जलपाईगुड़ी की ओर जा रहा था तभी बंधुनगर के पास राष्ट्रीय राजमार्ग में सामने से आ रहे बालू भरे डंपर से उसकी टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि तेल टैंकर में आग लग गई। तेल टैंकर के चालक गणोश राय के माथे पर चोटें आई है। जबकि खलासी के पांव में चोट लगी है। डंपर का चालक वहां से नौ दो ग्यारह हो गया।
पुलिस और स्थानीय लोगों की मदद से दोनों घायलों को अस्पताल भेजा गया। उसके पुलिस दमकल की सहायता से आग पर काबू पाने में लगी गई। तेल टैंकर की उपर उठती तेज लपट और काले धुंएं को देखने के बाद दोनों तरफ की वाहनों को रोक दिया गया। घायल चालक गणोश राय ने कहा कि वह बच गया,उसे बचने की उम्मीद ही नहीं थी। जब सामने से डंपर टकराया तो एक बार लगा कि वह अब नहीं बचने वाला। संयोग रहा कि सिर्फ माथे पर चोट आयी है। समय पर गाड़ी से नीचे नहीं उतरता तो शायद ही खलासी के साथ हम बच पाते।
एक वाहन में लगा यह यंत्र 10 वाहनों के प्रदूषण को कर सकता है दूर
आइआइटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक देवायन शाहा ने ऐसा यंत्र विकसित किया है जो वाहनों से होनेवाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करता है। देवायन ने यंत्र को पीएम 2.5 नाम दिया है। उनका दावा है कि इसे वाहन के साइलेंसर पाइप के पास लगाने से वाहन से निकलनेवाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है। आइआइटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक देवायन के अनुसार एक गाड़ी में यह यंत्र लगाने से 10 वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकता है।
कैसे करता है काम
देवायन ने बताया कि उनका यंत्र इलेक्ट्रिक एनर्जी व वेब एनर्जी के संयोग पर आधारित है। उन्होंने बताया कि दोनों ऊर्जा संयुक्त रूप से जब क्रियान्वित होती है तो यह पीएम 2.5 जैसे प्रदूषण के कारकों में चुंबकीय शक्ति का प्रवाह करते हैं। इसकी वजह से प्रदूषण के अन्य कारक कण इनसे चिपकने लगते हैं। चिपकते-चिपकते यह एक भारी गोले में परिवर्तित हो जाते हैं और मिट्टी की तरह जमीन पर गिर जाते हैं।
एम्स के लिए वायु प्रदूषण पर शोध करनेवाली टीम के सदस्य रहे देवायन ने बताया कि शोध के दौरान पता चला कि आमतौर पर निरीह पीएम 2.5 जैसे कण अपने सूक्ष्म आकार के कारण घातक बन जाते हैं। क्योंकि श्वसन के दौरान यह सीधे हमारे धमनियों व फेफड़ों से होते हुए हमारी रक्तकणिकाओं के साथ मिल जाते हैं।
देवायन ने बताया कि पीएम 2.5 यंत्र के वाणिज्यिक उत्पादन के लिए कई कंपनियों से बातचीत चल रही है।