एक साथ 50 से अधिक लोग नहीं अदा कर सकेंगे ईद की नमाज
-एक-दूसरे के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी का करना होगा अनुपालन -मास्क व हैंड सैनिटाइजर का
-एक-दूसरे के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी का करना होगा अनुपालन
-मास्क व हैंड सैनिटाइजर का भी उपयोग भी जरूरी
-मस्जिद कमेटियों के प्रतिनिधियों संग बैठक कर पुलिस ने दिया निर्देश
-ईद का बाजार रहा नरम, शुक्रवार को मनाया जाएगा ईद का त्योहार जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : इस्लाम धर्मावलंबियों का पवित्र त्योहार ईद शुक्रवार 14 मई को मनाया जाएगा। यदि पवित्र रमजान महीने के 29वें दिन यानी बुधवार को ही ईद का चांद नजर आ गया तो ईद गुरुवार 13 मई को मनाई जाएगी। अन्यथा, 30वें दिन यानी गुरुवार के चांद के अनुसार शुक्रवार 14 मई को लोग ईद मनाएंगे। वैसे खूब प्रबल संभावना है कि इस बार ईद 30वें दिन के चांद के अनुसार शुक्रवार 14 मई को ही होगी। क्योंकि, भारत व सऊदी अरब के समय अंतर के तहत वहां एक दिन पहले ही चांद दिखता है मगर वहां मंगलवार को चांद नहीं दिखा और बुधवार को ईद नहीं हो रही है। वहां गुरुवार को ईद होगी। सो, उसी के मद्देनजर यहां भी एक दिन बाद शुक्रवार को ही ईद की प्रबल संभावना है। पर, यह चांद दिखने पर ही निर्भर करेगा।
इधर, इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते ही अन्य वर्षो की भांति ईद बड़े पैमाने पर नहंी मनाई जाएगी। इसे लेकर सिलीगुड़ी महकमा के विभिन्न थाना की पुलिस ने अपने-अपने क्षेत्र की मस्जिदों की प्रबंधन समिति के प्रतिनिधियों संग बैठक कर इस बाबत आवश्यक निर्देश दिए। कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत एक साथ 50 से अधिक लोग ईद की नमाज अदा नहीं कर सकेंगे। उस दौरान भी एक-दूसरे के बीच सुरक्षित शारीरिक दूरी का अनुपालन करना होगा। मास्क व हैंड सैनिटाइजर का भी उपयोग भी जरूरी होगा। इस बाबत मस्जिद कमेटियों के प्रतिनिधियों ने भी कहा कि वे लोग सरकारी दिशा-निर्देशों का अक्षरश: पालन करने को प्रस्तुत हैं। कहीं भी एक बार में 50 से अधिक लोग नमाज अदा नहीं करेंगे। यदि आवश्यकता पड़ी तो मस्जिदों में थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर अलग-अलग रूप में एक से अधिक जमात करके नमाज अदा की जाएगी। मगर, किसकी भी जमात में 50 से अधिक लोग एक साथ न हों, इसका पूरा ख्याल रखा जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर ईद बाजार की बात करें तो इस वर्ष यह कोरोना महामारी के असर से अछूता नहीं रहा। इस बार ईद बाजार नरम ही रहा। सेवई, मेवे, इत्र-खुशबू, ईद के कपड़े आदि के विक्रेताओं ने कहा कि अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष ईद का बाजार एकदम ही मंदा रहा। नाममात्र की ही खरीद-बिक्री हुई।