West Bengal Assembly Election 2021: भाजपा को रोकने के लिए तृणमूल ने वाममोर्चा और कांग्रेस संग मिलकर बनाई रणनीति
West Bengal Assembly Election 2021 अब तृणमूल कांग्रेस की तर्ज पर ही वाममोर्चा और कांग्रेस ने भी भाजपा पर तंज कसना शुरू कर दिया है। ये भाजपा को लोकतंत्र विरोधी बता रही हैं। इन तमाम पाíटयों को विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की संभावना दिख रही है।
सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता। West Bengal Assembly Election 2021: बंगाल में दो चरणों के मतदान के बाद भाजपा विरोधी खेमे में खलबली मची हुई है। खासकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अंदर तो हड़कंप है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा विरोधी सभी राजनीतिक पाíटयों को चिट्ठी लिखी है और भाजपा को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया है। अब तृणमूल कांग्रेस की तर्ज पर ही वाममोर्चा और कांग्रेस ने भी भाजपा पर तंज कसना शुरू कर दिया है। ये भाजपा को लोकतंत्र विरोधी बता रही हैं। इन तमाम पाíटयों को विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की संभावना दिख रही है। भाजपा की जीत ना हो सके इसके लिए टीएमसी, वाम मोर्चा तथा कांग्रेस ने एक मेगा प्लान बनाया है। इन पार्टियों में अंदरखाने इसी बात की चर्चा चल रही है। भाजपा को रोकने के लिए सभी एक साथ मिलकर कदम उठाने पर विचार कर रहे हैं।
एक तरह से कहें तो इसकी शुरुआत भी हो गई है। कांग्रेस ने तृणमूल के लिए मैदान छोड़ दिया है। जहां कांग्रेस मजबूत है, वह केवल वहीं जोर लगा रही है। बाकी स्थानों पर अंदरखाने तृणमूल का समर्थन किया जा रहा है। पार्टी सूत्रों के अनुसार तृणमूल कांग्रेस भी जहां भाजपा को वाम मोर्चा और कांग्रेस के उम्मीदवार हरा रहे होंगे, वहां अपनी जीत के लिए जोर नहीं लगाएगी। यही कारण है के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी सहित कांग्रेस के तमाम आला नेता बंगाल में चुनाव प्रचार से गायब हैं, जबकि अब तक दो चरणों का मतदान भी हो चुका है।
विधानसभा चुनाव के चौथे चरण से उत्तर बंगाल के आठ जिलों में 54 विधानसभा क्षेत्र में मतदान होना है। यहां भाजपा ने कम से कम पचास सीटों पर जीत का लक्ष्य रखा है, जबकि विरोधी पाíटयां भाजपा को 10 से 15 सीटों पर रोकना चाहती हैं। इसके लिए भाजपा विरोधी तमाम पाíटयों के बीच समझौता भी हो गया है। तृणमूल कांग्रेस के लिए उत्तर बंगाल कभी भी मजबूत कड़ी नहीं रही है। पिछले दोनों विधानसभा चुनावों में वाम मोर्चा और कांग्रेस को यहां काफी सीटें मिलती रही हैं, जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आठ में से सात सीटें जीती हैं। इसी कारण भाजपा यहां काफी सीटें जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है।
जानें, किसने क्या कहा
बंगाल विधानसभा चुनाव में हमारे लिए नंबर एक की दुश्मन है भाजपा और नंबर दो की दुश्मन है तृणमूल कांग्रेस। पहले नंबर एक दुश्मन से निपटना होगा, उसके बाद नंबर दो से।
-दीपांकर भट्टाचार्य, राष्ट्रीय महासचिव, भाकपा-माले
देश के लोकतंत्र को भाजपा से खतरा है। राज्य में तृणमूल कांग्रेस भी कम नहीं है। इसलिए हमारा गठबंधन भाजपा और तृणमूल कांग्रेस दोनों के खिलाफ मतदाताओं के बीच जा रहा है।
- अशोक नारायण भट्टाचार्य, माकपा विधायक और पूर्व मंत्री
गठबंधन का लक्ष्य ही है भाजपा को सत्ता में नहीं आने देना और तृणमूल कांग्रेस को हराना। हमारा मुकाबला दोनों पाíटयों से ही है। इस बार संयुक्त मोर्चा की सरकार बनेगी।
-शंकर मालाकार, कांग्रेस विधायक
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पहले ही कह दिया है कि कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस सभी आपस में मिले हुए हैं। ये सभी सत्ता पाने और भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कभी भी चुनाव पूर्व या बाद में मिल सकते हैं।
-रथींद्र बोस, महासचिव, भाजपा।