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जिससे जितना लूट सको लूट लो वाला है हिसाब

जागरण विशेष -शहर में फर्जी ट्रैवल एजेंसियों की आई बाढ़ -सिंडीकेट राज की सहायता से या

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 06:51 PM (IST)
जिससे जितना लूट सको लूट लो वाला है हिसाब

जागरण विशेष -शहर में फर्जी ट्रैवल एजेंसियों की आई बाढ़

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-सिंडीकेट राज की सहायता से यात्रियों की काट रहे हैं जेब

-कोरोना पर ब्रेक के बाद भी किराये की स्पीड में कमी नहीं व्यापक धांधली

-अनलॉक के बाद कम यात्री ले जाने की थी बाध्यता

-इसी कारण से किराये में की गई थी बढ़ोत्तरी

-अब स्थिति सामान्य होने के बाद भी किराये में कमी नहीं 250

रुपया किराया गंगटोक के लिए

150

रुपया किराया दार्जिलिंग के लिए

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : हर क्षेत्र में सिंडीकेट राज से आम लोग परेशान हो रहे हैं। ट्रैवल क्षेत्र भी इससे बचा हुआ नहीं है। इस क्षेत्र में सिंडीकेट राज की सेंधमारी से आम यात्री की जेब कट रही है। सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित निजी बस स्टैंड में चल रहे अवैध सिंडीकेट राज का असर पड़ोसी राज्य बिहार, असम, यूपी, दिल्ली समेत कोलकाता, मालदा, रायगंज, बालूरघाट व दार्जिलिंग, सिक्किम जाने वाले यात्रियों पर पड़ रहा है। एक तरह से कहें तो यहां कार्यरत अवैध ट्रैवल एजेंट सिंडीकेट राज्य की मदद से एक तरह से कहें तो रुपये की उगाही कर रहे हैं।

सिलीगुड़ी से पड़ोसी राज्य असम, मेघालय, बिहार के भागलपुर, पुर्णिया, कटिहार, बेगूसराय, रोसड़ा, समस्तीपुर, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, पटना, छपरा और उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बलिया, गोपालगंज के लिए सिलीगुड़ी जंक्शन और महात्मा गांधी स्क्वायर (एयरभ्यू मोड़) से निजी बसें खुलती है। इसके अलावा मालदा, रायगंज, बालूरघाट, कोलकाता, बहरमपुर के लिए भी निजी बस सेवा है। इसके साथ ही सिलीगुड़ी जंक्शन से दार्जिलिंग और पड़ोसी राज्य सिक्किम के लिए टैक्सी व शेयर टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित सिक्किम नेशनल ट्रांस्पोर्ट के अलावा सिक्किम के विभिन्न हिस्सों के लिए भी टैक्सी स्टैंड है।

यात्रियों का आरोप है कि इंटर स्टेट चलने वाली नाइट सुपर निजी बसों में सीट की संख्या के मुताबिक यात्री बैठाने के बाद भी किराया बीते लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया वाले हिसाब से लिया जा रहा है। कोरोना के पहले जिस स्थान का किराया पांच सौ रुपए प्रति यात्री था, वहां का किराया सात सौ से एक हजार रुपए तक लिया जा रहा है। बल्कि सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग और सिक्किम जाने वाली शेयर टैक्सी में किराये की कोई सीमा नहीं है। कोई तीन सौ तो कई पांच सौ यानी जिससे जितना लूट सको वाला हिसाब है। यात्रियों का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगाने के लिए सरकार द्वारा जारी लॉक डाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान सीटों की संख्या से यात्रियों की संख्या आधी होनी चाहिए,यह निर्देश सरकार ने दिया था। उस दौरान किराए में की गई दोगुनी वृद्धि मान्य हुई। लेकिन पहले की भांति पूरी क्षमता में यात्री भरने के बाद भी किराये में कमी नहीं की गई। अभी भी पहले की तरह ही किराया लिया जा रहा है।

यात्रियों के इन आरोपों की जांच-पड़ताल करने पर मिली जानकारी के अनुसार किराए में बढ़ोत्तरी परिवहन परिसेवा उपलब्ध कराने वाली संस्था या निजी बस प्रबंधन ने नहीं की है। बल्कि सिंडीकेट राज से जुड़े लोग यात्रियों से अवैध वसूली कर रहे हैं। कहां-कहां फर्जी ट्रैवल एजेंसी

सिलीगुड़ी जंक्शन, मल्लागुड़ी और महात्मा गांधी स्क्वायर इलाके में कई फर्जी ट्रेवल एजेंसियों ने डेरा जमाया है। ये फर्जी ट्रेवल एजेंसी यात्रियों के किराए के नाम पर मनमानी रकम की वसूली करते हैं। फिर यात्री को उनके गंतव्य को जाने वाली बस के काउंटर से बुकिंग करा कर भेज देते हैं। बल्कि यात्रा के दौरान यात्री का बीमा कराने के नाम पर भी सौ-दो सौ रुपए की उगाही कर लेते हैं। क्या कहना है बस ऑपरेटरों का

इस संबंध में सिलीगुड़ी बस ऑनर एंड बुकिंग एजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव भरत चौधरी और सह सचिव श्रवण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान सरकार ने शारीरिक दूरी के मद्देनजर बस की सीट संख्या से पचास प्रतिशत कम यात्रियों को सवार करने का निर्देश दिया था। जिसकी वजह से प्रति यात्री किराए में दोगुने की वृद्धि की गई थी। लेकिन पूरी यात्री क्षमता व्यवस्था चालू होते ही किराए को वापस पुराने तर्ज पर ले आया गया है। उन्होंने बताया कि यात्रियों को बस काउंटर वाले नहीं बल्कि सिंडीकेट के सह से पनपे फर्जी ट्रेवल एजेंसी वाले लूट रहे हैं। सिलीगुड़ी जंक्शन बस स्टैंड के आस-पास कई फर्जी ट्रेवल एजेंसी ने डेरा जमा लिया है। क्या कहना है टैक्सी ऑपरेटरों का

इधर सिलीगुड़ी जंक्शन से पड़ोसी राज्य सिक्किम के गंगतोक को जाने वाली शेयर टैक्सी चलाने वाली एजेंसी के राज किशोर कामती ने बताया कि बीते कई वर्षो से गंगतोक का किराया 250 रुपया है। कोरोना काल में लॉकडाउन के बाद अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान सीट से आधा यात्री सवार करने के निर्देश का पालन करने के लिए प्रति यात्री किराया पांच सौ रुपए किया गया था। अब स्थिति सामान्य होने पर फिर किराया 250 रुपया ही लिया जा रहा है। अन्य ट्रेवल एजेंसी वाले किस यात्री से कितना रुपया लेते हैं, उससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग के बीच शेयर टैक्सी संचालित करने वाली एजेंसी के चंद्रिका राय ने बताया कि अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान सीट से आधा यात्री ले जाने के सरकारी निर्देश की वजह से किराया दोगुना किया गया था। अब स्थिति सामान्य होने के बाद सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग का किराया वही पुराना 150 रुपये लिया जा रहा है।


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