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एलएचबी कोच से समय पर चल रही हैं ट्रेनें

-पूसी रेलवे की पहल का हुआ खास असर -रख रखाव के लिए कोचिंग डिपो और वर्कशॉप उन्नत -क

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jan 2020 08:58 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jan 2020 08:58 PM (IST)
एलएचबी कोच से समय पर चल रही हैं ट्रेनें
एलएचबी कोच से समय पर चल रही हैं ट्रेनें

-पूसी रेलवे की पहल का हुआ खास असर

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-रख रखाव के लिए कोचिंग डिपो और वर्कशॉप उन्नत

-कई स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम की भी शुरूआत

-कोच में पानी खत्म होने की समस्या होगी दूर जागरण संवादाता,सिलीगुड़ी: पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने हाल ही में जो विभिन्न कदम उठाएं हैं,उससे ट्रेनों के निर्धारित समय पर परिचालन में काफी सहायता मिली है। पूसी. रेल में करीब 1000 एलएचबी कोचों को परिचालन में शामिल किया गया है। इस आधुनिक कोचों के रखरखाव के लिए सभी कोचिंग डिपो एवं वर्कशॉप को उन्नत किया जा रहा है। भारतीय रेल के इतिहास में पहली बार पूसी रेल के न्यू बोंगाईगांव वर्कशॉप में एलएचबी कोचों की पावर कार की लोड बॉक्स परीक्षण सुविधा की व्यवस्था की गई है। यह त्रुटियों को कम कर एलएचबी रेकों के साथ संलग्न पावर कारों के बेहतर कार्यनिष्पादन में सहायक साबित हुआ एवं ट्रेन के परिचालन के दौरान सुरक्षा भी सुनिश्चित की है। कम दूरी के यात्रियों के लिए बेहतर एवं तेज सेवा प्रदान करने के लिए त्रिपुरा के धर्मनगर-अगरतला-सबरूम अनुभाग में नई डीईएमयू सेवाएं शुरू की गई है। तिनसुकिया मंडल की 5 एलएचबी रेकों तथा कटिहार मंडल की 2 एलएचबी रेकों को एचओजी अनुकूल रेकों में रूपातरित किया गया है। यह डीजल ईंधन की बचत, पर्यावरण की प्रदूषण में कमी लाने के साथ प्रत्येक ट्रेन में एक पावर कार की कटौती के कारण ट्रेन में अतिरिक्त जगह का भी सृजन हुआ है। उठाए गए इन कदमों से यात्री सुविधाओं एवं सेवाओं में बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। न्यूनतम 10 मिनट की ठहराव समय के अंदर पूरी ट्रेन में पानी भरने की व्यवस्था के लिए गुवाहाटी एवं लामडिंग में क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत की जा चुकी है।

पूसी रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंदा ने बताया है कि वर्ष 2020 के जून महीने तक और 08 स्टेशनों पर क्विक वाटरिंग सिस्टम की शुरुआत होने की उम्मीद है। इससे कोचों में पानी उपलब्ध नहीं रहने की शिकायत दूर हो जाएगी। पूसी रेल में चलने वाली सभी एसी एवं गैर एसी कोचों में बल्व एवं सीएफएल के प्रयोग द्वारा कोचों के अंदर प्रचलित लाइटिंग सिस्टम को एलईडी लाइटों के जरिए बदल दिया गया है, जिससे न केवल ऊर्जा की बचत होती बल्कि पर्याप्त प्रकाश भी उपलब्ध रहती है। यात्री सुविधा में सुधार लाने के लिए 840 अदद शयनयान श्रेणी कोचों में मौजूदा 18 अदद के स्थान पर 36 अदद मोबाइल चार्जिंग प्वाइंटों की व्यवस्था की गई है। यात्री के अनुभव में महत्वपूर्ण वृद्धि लाने के लिए राजधानी एवं शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की दशा में सुधार लाने के लिए परियोजना स्वर्ण की शुरुआत की गई है। इस पहल के परिणाम स्वरूप कोचों के भीतरी हिस्से, शौचालय तथा ऑन बोर्ड सेवाओं में सुधार के कारण कोचों के भीतरी परिवेश में काफी सुधार आया है।


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